मनचाहा वर देती है नक्खी माता

in #nakhi-mother2 years ago

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  • पाषाण प्रतिमा को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है भक्त
  • दरबार में रखे 28 कलश, 01 घी और 27 तेल के कलश

मंडला. जिला मुख्यालय से उत्तर दिशा में लगभग 20 किमी की दूरी पर मंडला निवास मार्ग में बसे ग्राम बकौरी में 17 वीं शताब्दी में एक पहाड़ी के ऊपर नक्खी माता स्वयं प्रगट हुई थी। ऐसा ग्राम के बुजुर्ग बताते है। नक्खी माता के पास शीतला माई, खैरमाई, कालभैरव का भी स्थान है। नक्खी माता के दरबार में मांगी गई मुरादें अतिशीघ्र पूरी होती है। मंदिर की विशेषता यह है कि पहाड़ी में होने के बाद यहां श्रृद्धालु अपने वाहन से मंदिर तक पहुंच जाते है।

मां नक्खी माता का दरबार जहां दूर दूर से माता के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि भक्तों द्वारा जो भी मन्नत माता के दरबार में मांगी जाती है नक्खी माता सभी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं भक्तों ने बताया कि हमने माता के दरबार में जो भी मन्नत मांगी थी और वो पूरी हुई है, इसीलिए हम लोग माता के दरबार से जुड़े हैं। हमेशा हम माता के दरबार में आते हैं। नक्खी माता मंदिर समिति ने बताया कि यहां हर राज्य से लोग दर्शन के लिए आते हैं।

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माता के भक्त नितिन साहू ने बताया कि जब गांव में संकट आया तो माता ने भी गांव वालों को सावधान किया था। मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फैली है। जब से गांव में माता विराजमान है कभी भी गांव के ऊपर संकट के बादल नहीं छाए है। माता की पाषाण प्रतिमा जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते है। श्रृद्धालुओं के मंदिर प्रांगण में पहुंचते ही उन्हें मानसिक सुख का अनुभव होता है और श्रृद्धालु इसी विश्वास से माता से मन्नत मांगते है। जिनकी मन्नत पूरी होती है। यही कारण है कि नक्खी माता के पास दूर शहरों से भी लोग मन्नत मांगने दौड़े चले आते है।

  • मंदिर का जीर्णोद्धार:
    सैकड़ों वर्ष पुराने, जीर्ण-शीर्ण मंदिर का जीर्णोेार 1997 में किया गया। मंदिर का गुंबज चौपहला बनाया गया है। यहां मंदिर परिसर का विस्तार किया गया है। माता के दरबार के आसपास अन्य देवी देवाताओं की भी स्थापना की गई है। जहां भक्त माता के दर्शन करने पहुंचते है, वहीं माता के दर्शन के बाद यहां स्थापित अन्य देवी देवताओं के भी दर्शन कर पूजा अर्चना करते है।

  • वर्ष भर होते है धार्मिक आयोजन:
    वैसे तो पूरे वर्ष माता की पूजा अर्चना में पूरे ग्राम के लोग एकत्र होते है लेकिन चैत्र व शारदेय नवरात्र में जवारे कलश के साथ माता की विशेष पूजा अर्चना व माता का श्रृंगार किया जाता है। साल भर यहां भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर माता के दरबार में धार्मिक आयोजन और भंडारा कराते है।

  • 28 कलश की स्थापना:

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जानकारी अनुसार विगत तीन वर्ष कोरोना महामारी के चलते माता के दरबार में जवारे नहीं बोए गए थे, विगत वर्ष मंदिर में 27 कलश में ज्योत जलाई गई थी। इस वर्ष भी नक्खी माई के दरबार में अलग-अलग क्षेत्र, जिला और राज्य के भक्तों द्वारा दरबार में 28 कलश की स्थापना कराई है। ग्राम बकौरी की पहाड़ी में विराजी माता नक्खी माई के दरबार में इस बार जवारें के स्थान पर 28 कलश रखे गए है। पूरे नवरात्र माता के दरबार में धार्मिक आयोजन के साथ महाआरती की जा रही है।

  • कभी नहीं पहुंचे दरबार फिर भी आस्था :
    नक्खी माई के भक्त प्रहलाद साहू ने बताया कि नक्खी माई के प्रति लोगों में बहुत आस्था है। यहां आने वाले हर श्रृद्धालुओं की मुराद पूरी है। सच्चे मन से माता के दरबार में जो भी भक्त अर्जी लगाता है, वह पूरी होती है। वहीं कुछ ऐसे भी नक्खी माई के भक्त है, जो कभी माता के दरबार नहीं आए, फिर भी उनकी आस्था नक्खी माई के प्रति बहुत है। बताया गया कि उत्तरप्रदेश और बिहार के कुछ भक्त माता के प्रति बहुत ही आस्था रखते है। ये कभी माता के दरबार नहीं आए है, फिर भी माता के दरबार में इनके नाम के जवारे, कलश की रखे जाते है। ये भक्त ऑनलाईन के माध्यम से माता के दरबार के लिए स्थानीय लोगों से संपर्क कर माता के लिए भेट पहुंचाते है।

  • माता के दरबार में इनके रखे कलश:
    बता दे कि साल की दोनो नवरात्रि में नक्खी माता के दरबार में जवारे, कलश की स्थापना की जाती है। जिसके लिए दूर-दूर से भक्त माता के दरबार में अपने नाम के जवारे और कलश की स्थापना कराते है। विगत वर्षो में महामारी के चलते जवारे की स्थापना नहीं की गई, लेकिन कलश स्थापना हो रही थी। माता के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए दरबार में इस वर्ष भी जवारे नहीं रखे गए है, लेकिन भक्तों ने 28 कलश ज्योत जलाए गए है। जिसमें एक कलश घी का श्याम यादव ग्राम बबलिया द्वारा जलाया गया है। वहीं अन्य 27 भक्तों में रतन झारिया, हार्दिक कोरी, बहार कोरी, श्याम झारिया, हरि प्रसाद पांडेय, श्रीकुमार झारिया, परमानंद झारिया, राजाराम झारिया, सुधांशु नामदेव, किरन मिश्रा, अनीता सोनवानी, राधा शर्मा, महेश्वरी बैरागी, कैलाश गुमास्ता, दुर्गेश पटेल, दिनेश, राधा झारिया, शक्ति द्वारा कलश माता के दरबार में प्रज्जवलित है।

  • इनका कहना है

पूरे देश या किसी अन्य क्षेत्र में ऐसा कोई गांव या क्षेत्र नहीं है जो किसी देवी मंदिर के सामने बसा हो, लेकिन मंडला जिला के बकौरी ग्राम माता नक्खी माई के दरबार के सामने ही पूरा ग्राम बसा हुआ है। माता की ख्याति पूरे देश में प्रसिद्ध है, यहां दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते है। लोगों की माता पर आस्था है।
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नितिन साहू, भक्त

माता का मंदिर कई वर्ष पुराना है, माता के प्रति हमारी आस्था है। माँ के दरबार में भक्त सच्चे मन से जो भी मांगता है, उसकी झोली माता खुशियों से भर देती है। लोगों की मां के प्रति बहुत ही आस्था है, भक्त साल के दोनों नवरात्र में कलश की प्राण प्रतिष्ठा कराते है। दरबार में दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते है।
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अजय झारिया, भक्त

माँ नक्खी माई की पाषण प्रतिमा बहुत ही सुदंर और आकर्षक है, इनकी प्रतिमा को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है। माता की ख्याती दूर-दूर तक फैली है, मां के प्रति हमारी आस्था है, हम यहां दोनों नवरात्र में कलश की स्थापना कराते है। माता के दरबार में साल के बारह महिने भक्तों का तांता लगा रहता है।
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प्रमोद गुप्ता, भक्त

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जय माता दी 🙏🙏