जनपद की भूमि का सीमांकन तहसील, चर्च, श्मशान, कोर्ट नैनपुर:-जिला मंडला

in #nainpurlast year

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नैनपुर:- एक कहावत आपने सुनी होगी कि खुदा महरबान तो गधा पहलवान कुछ ऐसा ही कर दिखाया है नैनपुर के पटवारियों ने उनने कालोनाईजर से मिलकर सरकारी भूमी को बिकवा दिया और सीमांकन कराके बकायदा सरकारी भूमी की बाउड्री वाल तक बनवा दी। उनको क्या पता था कि उपर वाला न्याय करेगा। और उन पटवारियों की करतूत सबके सामने होगी। नैनपुर के वार्ड क्रमांक 02 के निवासरत डॉ रीतेश नवानी ने ऐसे ही एक कालोनाईजर से नगर के सबसे क्रीम क्षेत्र सिविल लाइन की भूमी 3660 वर्ग फुट खरीदी और उनको रजिस्ट्री भी हो गई। डॉ ने जिससे भूमी खरीदी उसकी लाखों रूपयों की राशि भुगतान भी कर दी। उसके बाद उनने मकान बनाने के पूर्व अपनी भूमी, तहसील भूमी का सीमांकन कराना चाहा। और उनके हाथ पैर फूल गए। सबसे गुहार की पर भूमी नपने का नाम नहीं ले रही थी आखिर सीएम हेल्प लाईन में जाकर उनको राहत मिली और आखिर दिनांक 22 जुलाई को राजस्व अमला ने उनकी भूमी को सही रुपरेखा देने के लिए तहसील की भूमी का सीमांकन किया। पर ना तो चाँदा मिलाना मुनारा आखिर बात डीजीपीएस से सीमांकन की बात हो कर थमी फिर आखिर तीन दिन बाद 25 जुलाई को डीजीपीएम मशीन आई उनने रेल्वे लाइन को माध्यम बनाकर वार्ड क्रमांक 1 के चिन्होंकन को लेकर वास्तविक भूमी पर नपाई की तो कालोनाईजर के चेहरों पर हवाईयाँ तेरने लगी और पता चला कि जिस भूमी को बेचा जा रहा है उसके अधिकांश प्लाट तहसील भूमी की जमीन के निकले चर्च की भूमी पर सड़क बना दी गई. जनपद की भूमी पर सरकारी आवास और और जिसे कालोनाईजर अपनी बता रहे थे वह भूमी भी सरकारी निकली। शमशान की भूमी अभियान कोर्ट की भूमी के सीमांकन होते होते सबके सामने तस्वीर साफ हो गई कि नैनपुर नगर में पटवारी प्रदीप उसराठे एवं कुछ की धन लोलुप्मा ने नेनपुर के कोलोनाइजर को सरकारी भूमी देकर खूब चाँदी काटी है। अब जो भी सिविल लाईन क्षेत्र में रह रहा है उसको खुद की भूमी का पता नहीं रहा कि कालोनाईजर ने उन्हें किस भूमी पर मकान बनवा दिया। जैसे ही शाम तक खसरा नं.161 घंटे 1 एवं 2, 162 घंटे 2, में सारा खेल हो गया वो तो यहाँ श्मशान भूमी है ये राजस्व अमला मानने को तैयार नहीं था वो तो भला हो एक स्मारक मिल गया और उनने ही बताया कि ये हमारी भूमी है। हम यहाँ चैन से सो रहे है हमें मत बेचों तब राजस्व अमला ने स्वीकार किया कि हाँ यहाँ शमशन के नाम पर भूमी आवंटित है। खैर नगर की जनता की माँग है कि एसआरएल एवं जिला कलेक्टर से निवेदन है कि नैनपुर की जितनी भी कालौनी है सबकी भूमियों का सीमांकन डीजीपीएस मशीन से कराया जाएँ ताकि दूध और पानी को अलग कर सरकारी भूमी को वापिस लिया जावे साथ ही चरोखर भूमी गोहा गोठान की जमीन निकाली जाये। अन्यथा एक दिन सरकारी भूमी के नाम से कुछ ना बचेगा और कुछ की तिजोरी भर जावेगी।