नाग पंचमी कल: सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी पूजा

in #nag2 years ago

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  • नागों के प्रदर्शन पर रोक लेकिन पालन नहीं
  • सपेरों की नहीं की जा रही निगरानी

मंडला। नाग पंचमी का त्योहार हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी का त्योहार कल 02 अगस्त को है। शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी के दिन किए गए उपाय कालसर्प और राहु दोष की शांति के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में कुछ ऐसे योग होते हैं जिसे बहुत ही अशुभ माना गया है। ऐसा ही दोष कालसर्प दोष होता है। कालसर्प दोष व्यक्ति की कुंडली में मौजूद होने व्यक्ति को कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को काफी संघर्ष करना पड़ता है। भाग्य का साथ नहीं मिलता है और मन में निराशा का भाव पैदा होने लगता है। सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचमी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के त्योहार के दिन कालसर्प दोष की पूजा करने पर व्यक्ति को इस दोष से छुटकारा मिलता है।

भगवान शिव को समर्पित सावन माह चल रहा है। इस माह में विभिन्न व्रत त्योहार आते हैं लेकिन इन त्योहारों में से नाग पंचमी का त्योहार बहुत खास है। सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी दो अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाएगा है। इस दिन भगवान शिव के साथ नागों की पूजा करने का विधान है। पंडित विजयानंद शास्त्री ने बताया है कि नाग पंचमी पर शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। शिव योग शाम 6.38 मिनट कर रहेगा। उसके बाद सिद्धि योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दोनों ही योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है।

बताया गया है कि हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की प्रतिमा का पूजन करना चाहिए। वहीं इस दिन महादेव की विधिवत पूजा करने वाले मनुष्य को कष्टों से मुक्ति मिलती है। सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। इस साल नाग पंचमी त्योहार 2 अगस्त को होगी। इस दिन विशेष संयोग भी बन रहा है। इसके चलते शिवमंदिर में तैयारी शुरू कर दी गई। वहीं परंपरा अनुसार विविध धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। सावन के माह में मंदिर और घरो रामायण पाठ किया जा रहा है। यहां भजन भी गाए जा रहे है।

  • सपेरों की नहीं की जा रही निगरानी -
    बताया गया है कि नागपंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन के नाम गांव में कस्बाई क्षेत्रो में सपेरे सर्प और नाग को लेकर निकलते है। गली मोहल्ले में बीन बजाकर सांपो का दर्शन कराते है इसके नाम पर दान भी लेते है। इसे रोकने की जिम्मेदारी वन विभाग की है लेकिन पिछले कुछ सालो से वन विभाग के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुछ संपेरो खतरनाक प्रजाति कोबरा को भी रखते है। यह सांप वन अधिनियम की अनूसूची की प्रथम श्रेणी में आता है। जिसे कोई भी व्यक्ति बंधक बनाकर नही रख सकता है। कार्रवाई के प्रावधान है।

  • नर्मदा जल लेने रवाना हुए कावडिय़े :
    नगर के वार्ड नंबर 7 शंकर मंदिर कावड़ यात्रा समिति के तवाधान में भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई। यह यात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए मंडला रोड पहुंची जहां चौकी परिसर में स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन करने के बाद कावडि़ए मां नर्मदा जल लेने के लिए मंडला रवाना हुए। कावडि़ए 42 किलोमीटर पैदल चलकर मां नर्मदा का जल लेकर सोमवार को वापस लौटी। उसके बाद भगवान शिव जी का जल अभिषेक किया गया। साथ ही अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जाएगा।

  • रामनगर जाएंगे कांवडि़ए :
    एक अगस्त को वरदान आश्रम से कांवड़ यात्रा रामनगर के लिए सुबह 9 बजे प्रस्थान करी। वाहन से राम नगर तक जायेंगे वहां से नर्मदा जल लेकर पैदल वरदान आश्रम आयेगे। इसमें मंडला नारा गंगोरा दिवारा बगली रेवथा केवलारी झिंगराघाट पौड़ी धमनगांव बंजी अंजनिया अहमदपुर डुडका इमलिया ठोढा के शिवभक्त शामिल हुए।

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Happy nagpanchami

Jai ho nag dev ki jai