खौफनाक सामूहिक हत्याकांड: सियासत में टकराया वजूद तो रची गई खूनी साजिश....

muzaffarnagar-news_1657028237.webp

मुजफ्फरनगर में रोहाना गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन उदयवीर सिंह और चरथावल के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे विक्की त्यागी पक्ष के बीच पिछले 17 साल से रंजिश चली आ रही है। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को लेकर शुरू हुई वजूद की लड़ाई खूनी खेल में बदल गई। खौफनाक सामूहिक हत्याकांड की साजिश रची गई, जिसमें अदालत ने फैसला सुनाया है।

साल 2005 में चरथावल ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को लेकर दोनों पक्षों में रंजिश की नींव पड़ी थी। बधाई खुर्द के उदयवीर सिंह और बरेली जेल में बंद पावटी खुर्द के विक्की त्यागी ने चुनाव लड़ा। इस दौरान दोनों पक्षों में तनाव बनना शुरू हो गया था। चुनाव विक्रांत त्यागी उर्फ विक्की ने जीता। नया मोड़ तब आया, जब साल 2007 में उदयवीर सिंह के समर्थक बहेड़ी गांव निवासी लकड़ी के आढ़ती सतीश त्यागी की हत्या कर दी गई। वारदात में विक्की त्यागी, मीनू त्यागी समेत अन्य नामजद किए गए थे। दोनों पक्षों के लोग साल 2010 में बधाई खुर्द में हुए झगड़े में आमने-सामने आ गए, जिसमें उदयवीर चेयरमैन के भतीजे अमरवीर और दूसरे पक्ष के मुकेश की मौत हो गई थी। इसी साल हुए चुनाव में अमरवीर की पत्नी सोनिया को ब्लॉक प्रमुख चुन लिया गया था।muzaffarnagar-news_1656948951.webp

इस दौरान दोनों पक्षों के बीच रंजिश सुलगती रही। लेकिन किसी को खतरनाक साजिश की उम्मीद नहीं थी। करीब एक साल बाद बड़कली सामूहिक कांड को अंजाम दिया गया, जिससे जिला हिल गया था।

182 पेज पर लिखा गया फैसला
सामूहिक हत्याकांड का फैसला 182 पेज पर लिखा गया। एडीजीसी किरणपाल कश्यप ने बताया कि अदालत ने फैसला लिखते समय कड़ी टिप्पणी भी की है। मुकदमे के आरोपी बबलू उर्फ अजय शुक्ला ने जिला जज चवन प्रकाश की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर केस को अन्य कोर्ट में ट्रांसफर कराने की गुहार लगाई थी, लेकिन जिला जज ने सुनवाई के बाद दो जुलाई को इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। muzaffarnagar-news_1656948884.webp

वहीं पहले भी मुकदमे की सुनवाई दूसरी अदालत में कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन प्रार्थना पत्र खारिज हो गया था। बड़कली कांड में बचाव पक्ष की ओर से अदालत में चार गवाह पेश किए गए। जबकि अभियोजन की ओर से 23 गवाह अदालत पहुंचे। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
आंबेडकर नगर जेल में बंद गैंगस्टर मीनू त्यागी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई होनी है। इससे पहले ही सोमवार को एडीजे ने मीनू त्यागी को सजा सुना दी। बाकी सभी आरोपी जमानत पर थे, जिन्हें दोष सिद्ध होते ही हिरासत में ले लिया गया।muzaffarnagar-news_1656948814.webp
बड़कली सामूहिक हत्याकांड एक नजर में

  • 11 जुलाई 2011 को हत्याकांड को अंजाम दिया गया
  • 14 फरवरी 2013 को 19 आरोपियों पर आरोप तय
  • 16 फरवरी 2015 को कोर्ट में विक्की त्यागी की हत्या
  • 22 नवंबर 2019 में अभियोजन की गवाही पूरी
  • 22 जनवरी 2021 से बहस शुरू
  • 04 जुलाई 2022 को आरोपियों को सुनाई सजा

कोर्ट ने सोमवार को सुनाया फैसला
बड़कली के सामूहिक हत्याकांड में अंबेडकर नगर जेल में बंद गैंगस्टर मीनू त्यागी समेत 16 दोषियों को अदालत ने आजीवन कारावास और 60-60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। सामूहिक हत्या की वारदात को हादसा दर्शाने की साजिश रची गई थी। मरने वालों में तीन मासूम बच्चों सहित आठ लोग शामिल थे। अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट नंबर-दो के न्यायाधीश छोटे लाल यादव ने फैसला सुनाया।