चंद्रमोहन महाराज ने राष्ट्र की खातिर जाति रहित समाज बनाने का संदेश

in #muzaffarnagar2 years ago

मुज़फ्फरनगर/ मेरठ: IMG_20220713_204459.jpgआध्यात्मिक गुरु और क्रांति स्थल परमधाम न्यास के संस्थापक व हिन्द मजदूर किसान समिति राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रमोहन जी महाराज के नेतृत्व में गुरु पूर्णिमा महोत्सव को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और मेरठ से विधायक अमित अग्रवाल सहित हज़ारो श्रद्धालुओ ने शामिल होकर धर्म लाभ लिया इस दौरान आध्यात्मिक गुरु चंद्र मोहन जी महाराज ने लोगो को राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए जाति प्रथा को तोड़ने का मंत्र दिया। देश भर में आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किये गए जनपद मुज़फ़्फरनगर में भी आध्यात्मिक गुरु चंद्रमोहन महाराज का खतौली बाईपास NH 58 पर लटियान खाप के चौधरी वीरेंद्र लाठियान व हिन्द मजदूर किसान समिति राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजपाल ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ स्वागत किया। जिसके बाद परमधाम पहुंचने पर स्वयं केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने समिति हजारों पदाधिकारियों के साथ चंद्रमोहन महाराज का मुख्य द्वार पर स्वागत किया। इस अवसर पर हिंद मजदूर किसान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आध्यात्मिक गुरु चंद्रमोहन महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है व्यास का अर्थ होता है अंदर की माप, पूरा गुरु ही हमें अंदर की यात्रा कराता है। साल के 365 दिनों में से 364 दिन केवल परमात्मा की पूजा होती है गुरु की नहीं, लेकिन श्री गुरु पूर्णिमा का दिन उस व्यक्ति पर समर्पित होता है जो हमें अंदर की गहराइयों का अनुभव कराता है और अंदर के लोक लोकांत्रो अंदर की धुनकारों का अनुभव कराता है। उस व्यक्ति को पूर्णगुरु कहते हैं। पूरे गुरू की पहचान है जो जोड़ता है जाति रहित एकजुटता से व परमात्मा से । जो जाति रहे एकजुटता से जुड़ गया उसकी पूजा सफल होती है । इसलिए पूजा पाठ से पहले जातिरहित एकजुटता महत्वपूर्ण है। इस अवसर चंद्रमोहन महाराज ने राम भक्त का महत्व बताते हुए कहा की जो राष्ट और मन को मजबूत करने का रास्ता वो हो सच्चा गुरु है और जो इस मार्ग में लगा है वो हो राम भक्त है। जब तक जातियों में बंटे रहेंगे मुट्ठी भर रहेंगे और जब हम जाति रहित एकजुट हो जायेंगे संसार को मुट्ठी में रख सकते हैं। उन्होंने चंद्रायण यज्ञ का महत्व बताते हुए कहा की ये एक सनातन कायाकल्प सिद्धांत था जो लुप्त हो गया था लेकिन अब पुनः इसे उजागर किया जा रहा है। इस चंद्रायण यज्ञ को करने से हम रोगों और कलेशों से मुक्त होते हैं। साल में 01 माह के चंद्रायण यज्ञ को करने से हम 11 माह तक रोगों और कलेशों से मुक्त रहते हैं। चंद्रायण यज्ञ श्री गुरु पूर्णिमा से प्रारभ होकर रक्षाबंधन की पूर्णिमा पर संपन्न होता है। अतः सभी को इस पुण्य यज्ञ को करना चाहिए। इस अवसर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा इत्यादि से हजारों सहयोगी एकत्र हुए।IMG-20220713-WA0189.jpgIMG-20220713-WA0188.jpg