समय सहायता समूह की महिलाओं के साथ मिलकर भाकियू ने विकास भवन में की तालाबंदी

in #muzaffarnagar2 years ago

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समय सहायता समूह की महिलाओं के साथ मिलकर भाकियू ने विकास भवन में की तालाबंदी।

तिरंगे के नाम पर समूह की गरीब महिलाओं से वसूले 25 लाख रुपये, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के समर्थन में आई भारतीय किसान यूनियन ने विकास भवन में दिया धरना । भाकियू नेता विकास शर्मा ने लगाया आरोप जिले में 5100 समूहों से एकत्र किया गया 25 लाख के चंदे का आरोप सीडीओ कार्यालय का घेराव करते हुए भाकियू ने की मामले की जांच कराने की मांग, कार्यवाही न होने पर दी आंदोलन की चेतावनी ।

VO - मुजफ्फरनगर। आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाये गये आजादी के अमृत महोत्सव के 'साइड इफेक्ट' अब सामने आने लगे हैं। इस महोत्सव के दौरान हर घर तिरंगा अभियान की धूम रही है। इसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तिरंगा तैयार करने का काम देने का दावा करते हुए जिला प्रशासन ने गांव की इन गरीब महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम होने का अवसर प्रदान किया था। इसमें यह दावा किया गया कि समूहों की महिलाओं की तिरंगा अभियान में भागीदारी उनके आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गयी है, लेकिन अब इन्हीं गरीब महिलाओं ने जनपद में तिरंगा अभियान के दौरान तिरंगा घोटाला करने के आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा किया है। आज महिलाओं ने भारतीय किसान यूनियन नेताओं के साथ विकास भवन पहुंचकर सीडीओ कार्यालय के बाहर धरना दिया। भाकियू नेताओं का आरोप है कि जनपद में तिरंगा अभियान के नाम पर समूह की महिलाओं से 25 लाख रुपये से ज्यादा का चंदा जुटाकर घोटाला किया गया है। इसकी जांच की मांग कर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है।

बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता के 75 साल पूर्ण होने पर हर घर तिरंगा अभियान मनाया गया। इसमें जनपद को शासन से एक लक्ष्य मिला था। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को भी प्रतिभाग कराया गया। इन समूह की महिलाओं के द्वारा भी तिरंगा तैयार किया गया। स्वयं सहायता समूह की करीब 100 महिलाओं ने मेहनत करते हुए करीब 3 लाख तिरंगे आजादी के जश्न मनाने के लिए तैयार किए। इनको समूह के माध्यम से ही बेचा गया। इसी बीच प्रत्येक समूह से तिरंगा अभियान के लिए 500-500 रुपये का चंदा एकत्र किया गया। कहा गया कि यह पैसा देने पर उनको लाभ प्रदान किया जायेगा, लेकिन अभियान निपटने के बाद समूह की महिलाओं को पैसा वापस नहीं दिया गया है। और न ही लाभ मिला है। इसी को लेकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि तिरंगा अभियान के तहत लाखों का घोटाला किया गया है।