मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की प्रबुद्ध समाज सेवियों ने उठाई मांग

in #muzaffarnagar2 years ago

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मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की प्रबुद्ध समाज सेवियों ने उठाई मांग 2 अक्टूबर को उत्तराखंड सीएम का होगा घेराव

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है लंबे समय से उठ रही इस मांग को लेकर अब जनपद के सभी प्रबुद्ध समाजसेवियों ने एकजुट होकर आगामी 2 अक्टूबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी का घेराव करने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बॉर्डर पर स्थित जनपद मुजफ्फरनगर को एनसीआर में जरूर शामिल किया गया लेकिन एनसीआर में शामिल होने के बाद मुजफ्फरनगर का जो विकास होना चाहिए था वो नही हो सका बल्कि एनसीआर में शामिल होने के बाद मुजफ्फरनगर के व्यापारियों और किसानों की और मुश्किल है बढ़ गई है। इन्हीं मुश्किलों को देखते हुए आज मुजफ्फरनगर के भोपा रोड स्थित राम दरबार कार्यालय पर प्रबुद्ध समाज सेवी मनीष चौधरी और जनपद के तमाम प्रबुद्ध समाजसेवियों ने एक बैठक कर यह निर्णय लिया है की जनपद मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल किया जाए जिससे इस जनपद का चौमुखी विकास होगा साथ ही उत्तराखंड में शामिल होने से मुजफ्फरनगर के किसानों और व्यापारियों को यूपी सरकार के भारी भरकम टैक्स से भी मुक्ति मिलेगी। इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रबुद्ध समाज सेवी मनीष चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 2 अक्टूबर को सभी प्रमुख समाजसेवी रामपुर तिराहा शहीद स्मारक पर एकत्र होकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी को एक ज्ञापन देंगे जिसमें जनपद मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल करने की मांग की जाएगी। साथ ही अगर यह मांग पूरी नहीं की गई तो 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहे पर रामपुर तिराहा आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देने आ रहे उत्तराखंड के सीएम पुस्कर सिंह धामी का काले झंडे दिखाकर विरोध किया जाएगा। अगर उत्तराखंड के सीएम मुजफ्फरनगर को उत्तराखंड में शामिल नहीं करेंगे तो हमारी यही मांग रहेगी कि वह इस शहीद स्मारक को भी हरिद्वार या देहरादून ले जाए क्योंकि अगर मुजफ्फरनगर वासियों से इतनी ही नफरत है तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री उत्तराखंड आंदोलनकारियों के शहीद स्मारक को भी उत्तराखंड में ले जाए नहीं तो मुजफ्फरनगर के सभी प्रबुद्ध समाजसेवियों का विरोध भी उत्तराखंड सीएम को झेलना पड़ेगा।