अब शहरी को-ऑपरेटिव बैंक 1.40 करोड़ रुपए तक का होम लोन दे सकेंगे,अब तक यह सीमा 70 लाख थी
मुंबई। अभी तक भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार राष्ट्रीय कृत बैंक ही बड़े लोन मुहैया कराया करते थे लेकिन आप को-ऑपरेटिव बैंक भी 1.40 करोड़ तक के लोन दे सकेंगे। इससे निश्चित तौर पर कॉपरेटिव बैंक के ग्राहकों को लाभ मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में को-ऑपरेटिव बैंकों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। जिसका आने वाले समय में व्यापक असर देखने को मिलेगा। लिहाजा, इसके बारे में जानना भी ज़रूरी है। आरबीआई के अनुसार, अब शहरी को-ऑपरेटिव बैंक 1.40 करोड़ रुपए तक का होम लोन दे सकेंगे। अब तक यह सीमा 70 लाख थी। इससे पहले 2011 में को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए लोन लिमिट में संशोधन किया गया था। बात केवल इतनी ही नहीं है, रिजर्व बैंक ने खास ग्राहकों को घर तक बैंकिंग सुविधा देने को भी कहा है।
ग्रामीण को-ऑपरेटिव बैंक की बात करें, तो ये बैंक 75 लाख तक का कर्ज दे सकेंगे, यह सीमा अब तक 30 लाख रुपए थी. शहरी क्षेत्र को दो कैटेगरी यानी कि टियर 1 और टियर 2 में रखा गया है. ऐसे में कर्ज की अधिकतम सीमा इस बात पर निर्भर करेगी कि बैंक कौन सी श्रेणी में आता है।
एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ग्रामीण को-ऑपरेटिव बैंक को अब रिहायशी परियोजनाओं से जुड़े बिल्डरों को कर्ज देने की अनुमति मिलेगी, जबकि अब तक वह ऐसा नहीं कर सकते थे। अब उन खास ग्राहकों के बारे में भी जान लेते हैं। आरबीआई ने बुजुर्गों और दिव्यांगों की मदद के लिए शहरी को-ऑपरेटिव बैंक को अपने ग्राहकों को घर तक बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति दी है। यानी इन ग्राहकों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बैंक खुद चलकर उनके पास आएंगे।