निर्माण पर लगी रोक हटाने पर जोर दे रहा था डेवलपर

in #mumbai2 years ago

Lko samachar

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जस्टिस दत्ता की अगुवाई वाली बेंच एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया था कि डेवलपर उपनगरीय खार में खेल के मैदान के लिए आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था।
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लगाए गए स्टे का उल्लंघन करना मुंबई एक रियल एस्टेट डेवलपर को भारी पड़ सकता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान डेवलपर को चेतावनी दे दी है कि उसके भवन का हाल नोएडा के सुपरटेक ट्विन टॉवर जैसा हो सकता है। शीर्ष न्यायालय के आदेश के बाद 28 अगस्त को ट्विन टॉवर्स को गिरा दिया गया था। डेवलपर की तरफ से निर्माण पर लगी रोक से राहत देने पर जोर दिया जा रहा था। इसके बाद कोर्ट ने ट्विन टॉवर का जिक्र किया। दरअसल, इंटीग्रेटेड रियलिटी प्रोजेक्ट्स की तरफ से पेश हुए एड्वोकेट राम सुब्रमण्यम का कहना था आर्किटेक्ट्स की तरफ से रिपोर्ट आने तक निर्माण पर लगी रोक से राहत दी जाए। वहीं, मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कर्णिक की बेंच ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा, 'इंतजार करें। आपको सुपरटेक जैसे हाल का सामना करना पड़ सकता है।' बेंच एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दावा किया था कि डेवलपर उपनगरीय खार में खेल के मैदान के लिए आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था।
भाषा के अनुसार, अदालत ने पिछले हफ्ते एक आर्किटेक्ट को उस स्थल का दौरा करने के लिए प्रतिनियुक्त किया था, जहां डेवलपर ने उच्चतम न्यायालय के 1995 के आदेश का उल्लंघन करते हुए निर्माण कार्य शुरू किया था। पीठ को आज सूचित किया गया कि वास्तुकार ने रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसके बाद अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 सितंबर तक स्थगित कर दिया।