Motivational Story: पिता, पति और भाई को खोया, फिर भी Kirti Rathore के हौसले रहे बुलंद
सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपके हौंसले कितने बुलंद है. ठीक ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है Kirti Rathore ने…जिन्होंने राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (Rajasthan Public Service Commission) में 121वां स्थान हासिल किया है. Kirti Rathore की चर्चा आज हम इसलिए भी कर रहे है क्योंकि इतने बूरे हालातों से गुजरने के बाद भी Kirti ने PSC जैसे परीक्षा पास की…
साल 2009 में उनके पिता की मृत्यु एक सड़क हादसे में हो गई. साल 2007 में कीर्ति की शादी विक्रम सिंह शेखावत से हुई. विक्रम राजस्ठान एंटी करप्शन ब्यूरो में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. विभाग के वे होनहार अफसरों में से एक थे. लेकिन कैंसर के कारण 24 सितंबर 2019 में उनकी मौत हो गई.
तैयारी के दौरान अपने भाई को खोया
कीर्ति और उनके भाई दोनों ने परीक्षा की तैयारी शुरू की. लेकिन परीक्षा से ठीक पहले कीर्ति ने अपने भाई भानू प्रताप को एक सड़क हादसे में खो दिया. इतना सब होने के बावजूद कीर्ति का हौसला नहीं टूटा और उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और RPSC परीक्षा पास की.
मां ने बढ़ाया हौसला
कीर्ति की मां शशिकला Kirti Rathore के साथ हर वक्त खड़ी रहीं. उन्होंने कीर्ति का हर हुरे वक्त में हौसला बढ़ाने का काम किया. कीर्ति के पिता और पति की मौत के बाद कीर्ति अपनी मां के पास रहती थी.