आरोन मुठभेड़ और एनकाउंटर के अनसुलझे रहस्य

in #mp2 years ago

05 Guna 05.jpgएनसीएचआरओ की 4 सदस्यीय टीम ने पेश की अपनी तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट
सफेदपोश अधिकारियों और माफिया व तस्करों को बचाने पुलिस पर लगाए कई सवालिया निशान
मानव अधिकारों की जांच ह्यूमन राइट्स ने की तो वन्यप्राणियों की कौन करेगा? तस्करों ने अब तक कितने हिरण और मोरों का शिकार किया?
गुना। नेशनल फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन मप्र द्वारा पेश की गई तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट में 4 सदस्यीय टीम ने पुलिस पर सफेदपोश अधिकारियों और माफिया व तस्करों को बचाने के गंभीर आरोप लगाते हुए कई सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा मीडिया को दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार आरोन थाना क्षेत्र अंतर्गत 13-14 मई की दरमियानी रात करीब 3 बजे के बीच पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि कुछ शिकारी सगाबरखेड़ा के जंगल में काले हिरण और मोर का शिकार कर रहे हैं। उक्त सूचना पर पुलिस की रात्रि कालीन गश्त पर मौजूद पुलिसकर्मी वहां पहुंचे। इस दौरान शिकारी पक्ष की तरफ से पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी गई जिसके जबाव में पुलिसकर्मियों द्वारा भी गोलियां चलाई गईं। इस मुठभेड़ के दौरान 3 पुलिस जवान शहीद हो गए जिनमें एक एसआई, एक प्रधानआरक्षक और एक आरक्षक शामिल थे।
दरअसल इस घटनाक्रम के बाद से ही मुठभेड़ और एनकाउंटर मामले में आज भी कई पहलू अनसुलझे बने हुए हैं। जिनमें कुछ आरोपी आज भी बचे हुए हैं जो शिकार करने में शामिल और शिकारियों के मददगार थे। जंगल में हुई मुठभेड़ की घटना के 6 दिन बाद एनकाउंटर एवं संबंधित सम्पूर्ण घटनाक्रम के तथ्य जानने के लिए एनसीएचआरओ का दल 19 मई 2022 को गुना पहुंचा और गुना शहर के अंदर घटना से संबंधित जानकारी ली। इसके बाद 20 मई 2022 को टीम विदौरिया ग्राम के पठानी मोहल्ले में सुबह 7:30 बजे पहुंची जहां पुलिस मुठभेड़ में मारे गए नौसाद और शहजाद की माँ, पत्नि और बच्चों से मुलाकात की और पीडि़त पक्ष की बात सुनी तथा घटना से संबंधित सच्चाई जानने की कोशिश की। उक्त जांच दल में संगठन की प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट आराधना भार्गव, प्रदेश महासचिव वासिद खांन, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राकेश मिश्रा एवं संगठन के सदस्य श्रीकांत वैष्णव शामिल थे। इस दौरान प्रशासन का पक्ष जानने के लिए जांच दल की सदस्य एडवोकेट आराधना भार्गव ने पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा से मोबाईल नं. 7049100437 पर 20 मई को 10:37 बजे मोबा. नं 7999176985 से फोन किया, परंतु उन्होंने फोन नही उठाया और ना ही बाद में उन्होंने फोन लगाया। बाद में आईजी डी. श्री निवास वर्मा से फोन नम्बर 9479998999 पर चर्चा की और मिलने का समय मांगा। तत्पश्चात एनसीएचआरओ मप्र की टीम कमांडेण्ट गुना के कार्यालय में जाकर मिली। टीम ने आईजी से मुठभेड़ मामले में कुछ महत्वपूर्ण सवाल किए तो उन्होंने कोई जबाव नही दिया। सवाल ये भी है कि जब मानव अधिकारों संबंधित ह्यूमन राइट ने जांच की तो वन्यप्राणियों की जांच कौन करेगा, जिनके द्वारा अब तक कितने हिरण और मोरों का शिकार किया। जांच दल ने यह भी निष्कर्ष निकाला है कि शहजाद जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में मार डाला अगर उसके मोबाईल के कॉल डिटेल्स निकाल लिए गए तो पूरी घटना से पर्दा उठ सकता है, परंतु मध्यप्रदेश सरकार ऐसा नही चाहती। इससे साफ है कि सफेदपौश माफिया एवं तस्करों को बचाने के लिए पूरा शासन व प्रशासन मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है तथा निर्दोष अल्पसंख्यक पुलिस मुठभेड में मारे जा रहे हैं।
नौशाद और शहजाद को गगन सरपंच और कल्ला सरपंच लेकर गए थे जंगल
एनसीएचआरओ की जांच टीम में यह तथ्य सामने सामने आए हैं कि 14 मई को उनके बेटे सिराज की बेटी अर्शी की शादी होने वाली थी और 13 मई को रात्रि में गाना बजाना तथा मेंहदी की रस्म चल रही थी। इस बीच गांव का गगन सरपंच तथा कल्ला सरपंच आए और दोनों ने मेरे बेटे नौशाद और शहजाद को जंगल चलने के लिए कहा। मृतकों की माँ हसीन बानो ने विदौरिया गांव पहुंची टीम को बताया कि सरपंच अपने साथ अपनी बंदूक लाया था और मेरे दोनों बेटों को लेकर जंगल चला गया। इसके बाद वह सभी लोग शादी के कार्यक्रम में लग गए। रात्रि में ही गगन तथा कल्ला अपनी मोटरसाईकिल पर मेरे बेटे नौशाद को लेकर आए और नीचे सुला दिया। इतने में पुलिस भी आ गई और मेरे बेटे नौशाद को लेकर चली गई। गांव में गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें पुलिस ने गांव वालों को मारना-पीटना शुरू कर दिया।
कहां गए अर्सी और शाजिया की शादी के जेबरात व नगदी
जांच टीम के तथ्यों में यह भी बात सामने आई है कि सिराज की बेटी अर्सी की शादी के लिए दो लाख रूपये नगदी सहित चांदी की पाजेब, 1 तोले सोने की झुमकी, आधा तोले सोने का मंगलसूत्र जो पुलिस वाले लेकर गए हैं वो कहां गए। इसी तरह बबली पत्नी सलीम की बेटी शजिया की शादी 27 मई 2022 को होनी थी। शादी के लिए 15 हजार रूपये चांदी की पायल, 55 हजार की झुमकी तथा 30 हजार का मंगलसूत्र जो भी पुलिस वाले 14 मई को लेकर गए हैं उन्हें वापस दिलाने की मांग जांच टीम के सदस्यों ने पुलिस प्रशासन से की है। फिलहाल इतना ही काफी है अगले अंक में हम फिर आरोन मुठभेड़ और एनकाउंटर के अनसुलझे रहस्यों को आमजन और शासन-प्रशासन के सामने रखेंगे।