शहीद जितेंद्र वर्मा की पत्नी को अभी तक नहीं मिली नौकरी, बिपिनरावत के साथ हादसे का हुए थे शिकार

in #mp2 years ago

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मध्य प्रदेश सरकार वतन पर मिटने वाले सपूतों के नाम से उनके पैतृक गांव स्कूल का नामकरण करना ही भूल गई है. शहीदों के परिजन आज भी आस लगाए बैठे हैं कि उनके गांव के स्कूल का नाम परिवर्तन हो और स्मारक भी बने. मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के धामंदा के रहने वाले शहीद जितेंद्र वर्मा जो कि 8 दिसंबर 2021 को देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गए थे. इसके बाद पूरे देश में शोक की लहर गूंज गई थी.

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणाएं

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 दिसंबर 2021 को अंत्येष्टि में शामिल होने धामंदा पहुंचे थे. उन्होंने शहीद जितेंद्र के परिवार में सभी से मिलकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की थी और जितेंद्र को श्रद्धांजलि भी दी थी . उस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि शहीद जितेंद्र वर्मा की पत्नी सुनीता को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि, सरकारी नौकरी साथ ही बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी. वही उनके गांव धामंदा का नामकरण किया जाएगा. जिस स्कूल में जितेंद्र ने पढाई की थी सरकारी हाई सेकेंडरी स्कूल धामंदा का नामकरण किया जाएगा. जितेंद्र के नाम की प्रतिमा भी लगाई जाएगी.

अभी तक नहीं मिली सरकारी नौकरी

इस घोषणा के 8 महीने से अधिक होने जा रहे सरकार द्वारा सिर्फ एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है बाकि जो घोषणा हुई थी उसका कोई अतापता नहीं है. शहीद जितेंद्र वर्मा की पत्नी सुनीता बाई ने बताया कि सरकार द्वारा उन्हें 1 करोड़ रुपए की राशि दी गई है. बाकी अभी तक नौकरी भी नहीं मिली है उसकी प्रक्रिया चल रही है. ना ही उनके पति के नाम का स्मारक बन पाया है और ना ही उनके स्कूल का नाम परिवर्तन हुआ. वहीं शहीद जितेंद्र के पिता शिवराज वर्मा का कहना है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करके चले गए लेकिन मेरे बेटे के नाम पर अभी तक ना तो गांव का स्मारक बना और ना ही स्कूल का नाम परिवर्तन हुआ.

प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया कोई आदेश

धामंदा के हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि हमारे पास ऐसा कोई भी आदेश अभी प्रशासन द्वारा नहीं आया जैसे ही आदेश आता है तो नाम भी परिवर्तन कर दिया जाएगा और स्मारक भी बन जाएगा. इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम विष्णु प्रसाद यादव से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हां सरकार द्वारा शहीद के परिवार को एक करोड की राशि दी गई है और स्कूल का नाम परिवर्तन को लेकर जैसे ही सरकार से आदेश आते हैं वैसे ही हो जाऐगा. स्मारक का काम भी जल्द शुरु हो जाएगा.