अफसर के साथ ,जबाव तो देना होगा..?

in #mp2 years ago

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सत्ता के नशे में चूर है वो,पता नही क्यों इतना मगरूर है वो,
आंधी दस्तक दे रही उनके दरवाजे पर,पता नही कहाँ खोये
हुजूर है वो । इन दिनों टीकमगढ़ नगर पालिका में ये पंक्तियाँ चरितार्थ साबित हो रही है वो इसलिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितग्राहियों को आवास के लिए 2.50 लाख रूपये का प्रावधान है बताया गया है कि डीपीआर 729,1065,1915 के लिए 91 लाख रूपये आवंटित हुए थे पर पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही और लोकल राजनीति के चलते योजना क्रियान्वयन में रूकावट पैदा की गई है जिसका खामियाजा हितग्राहियों को उठाना पडा है बताया गया है कि संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश के अपर आयुक्त सह मिशन संचालक डाॅ.सतेन्द्र सिंह के आदेश क्र./यां.प्र.-07/PMAY/2022 दिनांक 13/09/2022 के मुताबिक टीकमगढ़ नगर पालिका द्रारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रदान की गई राशि का शत प्रतिशत उपयोग नही करने पर असंतोष व्यक्त किया है और 45.50 लाख रूपये की कटौती कर दी है तो वहीं पालिका प्रशासन ने बाजार बैठकी में वर्ष 2015-16 में 284190 रूपये,वर्ष 2016-17 में 233600 रूपये,वर्ष 2017-18 में 285400 रूपये,वर्ष 2018-19 में 297995 रूपये,वर्ष 2019-20 में 476045 रूपये,वर्ष 2020-21में 224315 रूपये राजस्व कर्मचारियों द्रारा वसूल किये गये जबकि तात्कालीन सीएमओ विजय शंकर त्रिवेदी ने बाजार बैठकी का टेण्डर 22 लाख 10 हजार रूपये ठेकेदार अय्युब खान का स्वीकृत तो किया पर नगर पालिका ने ठेका दिया नही । और तब से लेकर आज तक नगर पालिका से बाजार बैठकी का कोई ठेका हुआ नही । बताया गया है कि कोई प्राइवेट व्यक्ति उगाही कर पालिका में जमा करता है जो सीधे तौर पर निकाय को आर्थिक हानि पहुंचाने की नियत है संबंधित रहे सीएमओ मध्यप्रदेश नगर पालिका (कार्यपालन) सेवा नियम 1973 के नियम 31 एवं मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण,नियंत्रण तथा अपील)1966 के नियम 10 में प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत की गई अनियमित्ता एवं हानि पंहुचाने के लिए उत्तरदायी है एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 92 के विपरीत है वावजूद इसके नगर पालिका को आज भी आर्थिक नुकसान हो रहा है और जिम्मेदार खामोश है। आखिर क्यों..? @ एम.ए.खानअफसर टीकमगढ़