"बिना किसी भेदभाव के हो उपाय...", MonkeyPox Virus से निपटने के लिए WHO ने बनाई रणनीति

in #monkeypox2 years ago

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के साउथ इस्ट एसिया रेंज की रीजनल डायरेक्टर ने रविवार को सदस्य देशों का आह्वान किया कि वे मंकीपॉक्स से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को और बल दें. ऐसे समय में जब वैश्विक स्वास्थ्य निकाय द्वारा इस बीमारी को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है. मंकीपॉक्स वायरस इस बार बहुत तेजी से फैल रहा है. वायरस ने वैसे देशों में भी अपना पैर पसारा है, जहां इससे पहले कभी लोग संक्रमित नहीं हुए थे. ये बात ही सबसे अधिक चिंताजनक है. उक्त बातें संगठन के साउथ इस्ट एसिया रेंज की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कही.
उन्होंने कहा, " चूंकि वायरस के संक्रमण का खतरा समलैंगिक लोगों है. संभावना है कि ये आगे चल कर अन्य लोगों में भी फैल सकती है. ये बिल्कुल जरूरी नहीं है कि वो उन तक ही सीमित रहे." बता दें कि विश्व के 75 देशों में अब तक मंकीपॉक्स वायरस के 16,000 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के साउथ इस्ट एसिया रेंज में अभी तक चार मामले सामने आए हैं. इनमें से तीन भारत और एक थाइलैंड का व्यक्ति है.

भारत में संक्रमण की जद में आने वाले लोग वो हैं, जो मध्य पूर्व से देश लौटे हैं. जबकि थाईलैंड में देश में रहने वाले एक नाइजीरियाई में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है. क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, "महत्वपूर्ण रूप से, हमारे केंद्रित प्रयास और उपाय संवेदनशील, कलंक या भेदभाव से रहित होने चाहिए."

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को कहा था कि 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स फैलना एक ‘‘असाधारण'' हालात है और यह अब वैश्विक आपात स्थिति है. मंकीपॉक्स संक्रमित जानवर के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से मनुष्यों में फैलता हैं. एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में यह संक्रमण संक्रमित की त्वचा और श्वास छोड़ते समय नाक या मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से फैलता है.