मनरेगा भ्रष्टाचार की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे की व्यवस्था
बलरामपुर 19 सितंबर : (डेस्क) विभाग ने निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया।मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराने और बिना काम के भुगतान की हो रही है शिकायतें।
बलरामपुर जनपद में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत हो रहे भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए विभाग ने अब ड्रोन कैमरों से निगरानी करने का निर्णय लिया है। विभाग को लगातार मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं, जिसमें मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराए जाने और बिना काम के भुगतान की शिकायतें शामिल हैं।
मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करना है, लेकिन इस योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार ने इसके उद्देश्यों को प्रभावित किया है। विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए ड्रोन तकनीक का सहारा लेने का निर्णय लिया है।
ड्रोन कैमरों के माध्यम से कार्य स्थलों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मजदूरों को उनके काम का उचित भुगतान मिल रहा है और मशीनों का उपयोग अवैध रूप से नहीं किया जा रहा है।
इस पहल के तहत, ड्रोन कैमरों का उपयोग करके निगरानी की जाएगी, जिससे अधिकारियों को वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी, बल्कि योजना की पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
विभाग ने कहा है कि वे इस तकनीक को लागू करने के लिए आवश्यक संसाधनों और प्रशिक्षण पर ध्यान देंगे। स्थानीय प्रशासन भी इस पहल का समर्थन कर रहा है और इसे सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
इस निर्णय से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है कि अब मनरेगा में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा। ग्रामीण समुदाय ने भी इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे उनके अधिकारों की रक्षा होगी।
हालांकि, यह देखना होगा कि क्या यह नई तकनीक वास्तव में भ्रष्टाचार को रोकने में प्रभावी साबित होती है या नहीं। विभाग ने कहा है कि वे इस प्रक्रिया की नियमित समीक्षा करेंगे और आवश्यकतानुसार सुधार करेंगे।