विकृति बच्चों को मिला मुफ्त उपचार
जन्मजात विकृति से जूझ रहे बच्चों को मिला मुफ्त उपचार आरबीएसके के तहत पांच बच्चों की करायी गई सर्जरी पांच बच्चों के दिल के छेद व एक मूक.बधिर बच्चे का हुआ सफल आपरेशन
जनपद में अप्रैल से अब तक 24 बच्चों का हुआ निःशुल्क उपचार
मिर्जापुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके के तहत जन्मजात विकृति से जूझ रहे बच्चों का मुफ्त उपचार कराकर उनके जीवन को खुशियों से भरने का काम किया जा रहा है द्य इस साल अप्रैल से अब तक जिले के करीब 24 बच्चों को आरबीएसके के तहत मुफ्त इलाज मिल चुका है इसी क्रम में पिछले अप्रैल माह में जिले के दो बच्चों व जुलाई माह में एक का अलीगढ़ स्थित चिकित्सालय में दिल ;हृदयरोग के छेद की निःशुल्क सर्जरी कराई गई व मूक बधिर छह वर्षीया बालिका का कानपुर में आपरेशन कराया गया। यह जानकारी कार्यक्रम के प्रबन्धक राकेश तिवारी ने दी । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर अनिल कुमार ओझा ने बताया कि जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 44 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा 326 उप केंद्रों पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लगातार बच्चों को चिन्हित कर उपचार कराया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ऐसे बच्चों का उपचार बिल्कुल मुफ्त कराया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के डाक्टर हिमांशु चतुर्वेदी ने सरकारी खर्च पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अप्रैल में एक बच्चे व जुलाई माह में एक बालिका मनोरमा 06 वर्ष लड़की का दिल के छेद का निःशुल्क उपचार कराया गया है जो इसी माह घर भी लौट आयी है और अब बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं और अच्छे ढंग से खेल कूद रहे हैं। इस आपरेशन के लिए अलीगढ़ आरबीएसके के प्रबन्धक मुनाजीर व अनवर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान किया आरबीएसके के प्रबन्धक राकेश तिवारी का कहना है कि इन डाक्टरों की जितनी प्रशंसा की जाये कम है क्योंकि यह रात दिन काम करके ऐसे बच्चों को खोजकर उनका उपचार करा रहे हैं। मण्डलीय चिकित्सालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक बैनर लगाने के साथ ही टीम द्वारा लगातार घर. घर व केन्द्र पर आने वाले लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि यदि किसी बच्चे का इस प्रकार से जन्म से शिकायत है तो राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत निःशुल्क उपचार करा सकता है। गुरूसण्डी ग्राम निवासी शिव प्रसाद ने कहा कि मेरी 6 वर्षीया बेटी के मूक बधिर थी। आशा कार्यकर्ता के कहने पर एक दिन मैं आरोग्य मेला गया। वहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) टीम के डॉक्टर हिमांशु की राय पर केंद्र पर भर्ती करा दिया। कुछ दिन बाद टीम के डॉक्टरों की मदद से बच्चे का सफल आपरेशन हुआ और आज बेटी पूरी तरह स्वस्थ है।