जीता हैं राजाओं जैसे, सबसे बड़ा नटवरलाल रहने-खाने पर रोजाना खर्च करता है लाखों रुपये

in #mirzapur2 years ago (edited)

IMG_20221014_232135.jpg

  • रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी का चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर राशिद नसीम जीता हैं राजाओं जैसे, सबसे बड़ा नटवरलाल रहने-खाने पर रोजाना खर्च करता है लाखों रुपये।
    नित्यवार्ता डेस्क :
    मीरजापुर। सबसे बड़ा नटवरलाल कहा जाने वाला 66 हज़ार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने वाली रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी का चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर राशिद नसीम मेहनतकश लोगों के खून-पसीने की कमाई को पानी की तरह बहाता और खुद राजा-महाराजाओं की तरह जिन्दगी गुजारता है। लाखों लोगों की जमा पूंजी पर डाका डालने वाला राशिद नसीम रोजाना सिर्फ अपने खाने-ठहरने, सिक्योरिटी व कारों के किराए पर लाखों रुपए खर्च करता है। वो हर साल अपने ऊपर अरबों रुपये खर्च करता है। ये सब वो रकम है, जिसके बारे में ईओडब्लू और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को जानकारी देकर उनके डाक्यूमेंट्स सौंपे गए हैं। शाइन सिटी के फर्जीवाड़े का शिकार हज़ारों लोगों का केस लड़ रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने जांच एजेंसियों को राशिद नसीम की अय्याशी का पूरा ब्यौरा तमाम डाक्यूमेंट्स के साथ सौंपा है। दस्तावेजों के मुताबिक़ तकरीबन तीन साल पहले दुबई भागने से पहले राशिद नसीम भारत के महंगे होटलों में ठहरता था। निवेशकों के पैसे उड़ाने वाले इस नटवरलाल के लिए लखनऊ और वाराणसी के होटलों में पूरे साल के लिए दो सूइट रूम और छह सुपीरियर कमरे नियमित तौर पर बुक रहते थे। इसके साथ ही दुबई में दो होटल और एक विला भी पूरे साल के लिए बुक रहता था। लखनऊ और वाराणसी के एक सुइट में वह खुद रहता था और दूसरे को ख़ास लोगों के साथ मीटिंग के लिए इस्तेमाल करता था। बाकी के छह सुपीरियर कमरे उसके स्टाफ के लिए होते थे। इनमे से कुछ कमरों को कैम्प ऑफिस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। सूत्रों अनुसार लखनऊ के होटल के सुइट कमरों का किराया रोज़ाना 22901 रुपये की दर से भुगतान किया जाता था, जबकि सुपीरियर कमरों का किराया रोज़ाना 7442 रुपये प्रति कमरा दिया जाता था। इसी तरह वाराणसी के होटल के एक सुइट रूम का किराया 25 हज़ार रुपये था, जबकि दूसरे का किराया 6199 रुपये था। यहां के बाकी छह कमरों के लिए रोज़ाना प्रति कमरा 5699 रुपये की दर से भुगतान किया जाता था। लखनऊ और वाराणसी दोनों ही जगहों के होटल में रोज़ाना सात लोगों का खाना बुक रहता था। लखनऊ के होटल में रोज़ाना प्रति व्यक्ति खाने पर 12986 रुपये का खर्च आता था, जबकि वाराणसी के होटल में 10986 का पैकेज बुक था। जांच एजेंसियों को जो डाक्यूमेंट्स सौंपे गए हैं, उनमें लखनऊ के होटल में साल भर खाने पर तीन करोड़ इकतीस लाख रुपये खर्च किये गए हैं। हालांकि डाक्यूमेंट्स में वाराणसी के होटल में पूरे साल के बजाय सिर्फ 189 दिनों का एक करोड़ पैंतालीस लाख रुपये का ही भुगतान हुआ है। देश की तीन चौथाई आबादी महीने भर में जितने पैसे नहीं कमाती होगी, राशिद नसीम उससे ज़्यादा का पानी एक दिन में पी जाता है। भारत में रहते हुए वह एवियन वॉटर की रोजाना दस बोतल मंगाता था। एक बॉटल पानी का बिल सत्रह सौ रुपये होता था। इस तरह राशिद नसीम हर रोज़ 17 हज़ार रुपये का पानी पी जाता था। नटवरलाल राशिद नसीम के लिए महंगे होटलों में पूरे साल के लिए सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कमरे बुक रहते थे। दुबई के होटल ओबराय में तीन प्रीमियम सुइट रूम और दो गार्डन व्यू रूम बुक रहता था। हर एक प्रीमियम सुइट रूम का रोजाना का किराया 31392 रुपये था, जबकि गार्डन व्यू रूम का 25939 रुपये। दुबई का आवरी होटल का पूरा टॉप फ्लोर राशिद नसीम ने साल भर के लिए बुक किया था। इसका एक साल का किराया तकरीबन तैंतीस करोड़ रुपये होता है। इसके अलावा दुबई के बुर्ज खलीफा का पूरा एक फ्लोर आफिस बनाने के लिए सालाना तैंतीस करोड़ रुपये के भुगतान पर लिया गया था। सूत्रों अनुसार यूएई यानी युनाइटेड अरब अमीरात में उसने सालाना 38 करोड़ रुपये खर्च कर पूरा एक विला ही लिया हुआ है। दुबई में राशिद नसीम के लिए दो रोल्स रॉयस कार, दस करोड़ रुपये के भुगतान पर साल भर के लिए किराए पर ली गई थी। राशिद अकेली गाड़ी पर नहीं चलता, बल्कि उसके साथ किसी वीवीआईपी की तरह फ्लीट चलती थी। भारत और दुबई दोनों ही जगह उसके साथ चौदह एसयूवी गाड़ियों की फ्लीट भी चलती थी। दुबई में एसयूवी गाड़ियों की फ्लीट के किराए पर तकरीबन दस करोड़ रुपये खर्च होते थे, जबकि भारत में इतनी ही गाड़ियों के किराए पर तकरीबन आठ करोड़ रुपये खर्च किये जाते थे। राशिद नसीम ने भारत और दुबई दोनों ही जगहों पर अपनी सुरक्षा के लिए दस-दस सिक्योरिटी बाउंसर रखे हुए थे। हर बाउंसर उसके साथ हवाई यात्रा करता था। उसके साथ चार्टर्ड प्लेन से घूमता था। महंगे होटलों में रुकता था और उन्हें ऊंची सैलरी व ड्रेस दी जाती थी। भारत में सिक्योरिटी बाउंसर पर रोज़ाना औसतन तीस हज़ार रुपये का खर्च आता था, जबकि दुबई के बाउंसरों पर करीब 95 हजार रुपये। इस तरह राशिद नसीम हर साल सिर्फ रहने, खाने, सिक्योरिटी व गाड़ियों के किराए पर ही करीब दो अरब रुपये खर्च कर देता था। पीड़ितों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने इन मदों में राशिद नसीम का सालाना खर्च 1 अरब 97 करोड़ 34 लाख रुपये निकाला है, जबकि ईओडब्लू ने जो जानकारी जुटाई है, वह इससे सिर्फ साढ़े चार करोड़ रुपये ही कम है. वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव और ईओडब्लू ने राशिद नसीम का यह सालाना अनुमानित खर्च साल 2018-19 का निकाला है। राशिद नसीम की कंपनी शाइन सिटी पर 66 हज़ार करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है, आरोप है कि राशिद नसीम व उसकी कंपनी शाइन सिटी ने तीन लाख से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है। कंपनी के खिलाफ देशभर में 3000 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। अकेले लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 411 मुकदमे दर्ज हैं। तकरीबन तीन दर्जन पीड़ितों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में केस दाखिल कर रखा है। हाईकोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को है। अगली सुनवाई में देश के सबसे बड़े नटवरलाल की अय्याशी के ये डाक्यूमेंट्स कोर्ट में पेश किये जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की एजेंसियों को दुबई में छिपे राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कार्रवाई दो महीने में पूरी करने को कहा है। राशिद नसीम नेपाल में गिरफ्तारी होने पर तकरीबन डेढ़ महीने जेल में बिताने के बाद पाकिस्तान से बने पासपोर्ट से दुबई भाग गया था। राशिद नसीम पर लन्दन से लेकर दुबई तक भगोड़े मेहुल चौकसी के साथ मिलकर कारोबार करने का आरोप है। अब तक शाइन सिटी कंपनी और उसके एमडी राशिद नसीम, उसके भाई आसिफ नसीम के साथ ही कंपनी के 40 से अधिक अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों साथ ही दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुवाहाटी जैसे राज्यों में धोखाधड़ी के हजारों मामले दर्ज हो चुके हैं। देश में शाइन सिटी कम्पनी की ठगी के शिकार लोगों की संख्या 10 लाख से भी अधिक है। महाठग राशिद नसीम और उसके भाई आसिफ नसीम पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 4000 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। सिर्फ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में ही 238 केस दर्ज हैं। लखनऊ पुलिस ने दोनों भाइयों पर पर 50-50 हजार और वाराणसी पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इसके अलावा ईडी ने भी दोनों महाठग भाइयों समेत शाइन सिटी कंपनी के छह अफसरों के खिलाफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। तो चलिए हम आपको बताते हैं महाठग राशिद नसीम की पूरी कहानी- राशिद नसीम मूलरूप से प्रयागराज करेली के जीटीबी नगर का रहने वाला है। बताते हैं कि करीब 20 साल पहले वो मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया का एक मामूली एजेंट था। कंपनी की ठगी की योजनाएं समझने के बाद उसने नौकरी छोड़ दी और लखनऊ आ गया। यहां उसने हजरतगंज के डालीबाग इलाके में स्थित ग्रैंड न्यू अपार्टमेंट में एक पेंट हाउस खरीदा। जनवरी 2013 में उसने शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रियल स्टेट कंपनी शुरू की। कम्पनी का ऑफिस गोमतीनगर के आर स्क्वायर मॉल में बनाया। सस्ते दाम में प्लाट का झांसा देकर उसने ठगी का मायाजाल फैलाना शुरू किया। महाठग राशिद नसीम के पास एक इंच भी जमीन नहीं थी लेकिन उसने राजधानी लखनऊ की सीमा से सटे इलाकों में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट का प्रचार प्रसार शुरू किया। शातिर राशिद ने किसानों से उनके खेत में अपनी कंपनी के प्रोजेक्ट के होर्डिंग लगाने के लिए संपर्क किया। वो किसानों को एक होर्डिंग लगाने के एवज में हर महीने 20 से 25 हजार रुपये किराया देता था। सिर्फ एक होर्डिंग लगाने के इतने रुपए मिलने पर किसान आसानी से राजी हो जाते थे। इस तरह उसने जगह-जगह खेतों में अपनी हाउसिंग स्कीमों के होर्डिंग लगाकर लोगों को अपनी प्रेजेक्ट साइट बताकर विजिट करा कर रुपया जुटाना शुरु कर दिया। राशिद ने पूरे प्रदेश और फिर देश के कई राज्यों में नेटवर्क फैलाया। आकर्षक कमीशन का लालच देकर उसने छोटे-छोटे जिलों और शहरों में अपने एजेंट तैयार किए। इन एजेंट के जरिए उसने लोगों से निवेश में मुनाफा, प्लॉट और मकान देने के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपया इकट्ठा किया।