पोषण पाठशाला का हुआ आयोजन

in #mirzapur2 years ago

IMG_20220825_212957.jpg
नित्यवार्ता डेस्क : विकास तिवारी
मीरजापुर। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की सुपोषित भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की सेवाओं, पोषण प्रबन्धन, कुपोषण से बचाव के उपाय, पोषण शिक्षा व पोषण के सन्देशों को घर-घर तक पहुॅंचाने के लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा दिनॉक 25.08.2022 को एन0आई0सी0 के माध्यम से तृतीय ‘‘पोषण पाठशाला‘‘ का आयोजन किया गया। इस माह के पोषण पाठशाला का विषय “सही समय पर ऊपरी आहार की शुरुआत“ है। इस कार्यक्रम में वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी 75 जनपद के जनपद स्तरीय अधिकारी जुडे़ रहे। प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण वेबकास्ट लिंक द्वारा किया गया। ऑगनबाड़ी केन्द्रों पर 22 लाख से अधिक पंजीकृत धात्री महिलाएं व उनके परिवारजनो द्वारा पोषण पाठशाला को देखा व सुना गया। इस पोषण पाठशाला का वीडियो वेबकास्ट लिंक पर भी उपलब्ध है, जिसे कभी भी देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा जनपद आगरा से वी0सी0 के माध्यम से किया गया। उनके द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि पोषण पाठशाला का आयोजन हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की दूरदृृष्टि और एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाने के महा अभियान हेतु पोषण प्रबन्धन पर एक अत्यंत ही प्रभावशाली रणनीति है। विभागीय कार्यक्रमों को गतिशीलता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा सभी आंगनवाड़ी केंद्र पर वृद्धि निगरानी उपकरण तथा प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को डिजिटल तकनीक से बेहतर सेवा प्रदान करने हेतु स्मार्टफोन उपलब्ध कराए गये हैं। भारत सरकार द्वारा ऑगनबाड़ी सेवाओं तथा पोषण अभियान को नये रूप में संचालित करने के लिए 01 अगस्त 2022 से पोषण 2.0 के नये निर्देश प्रेषित किये गये है। नये निर्देशों के अनुरूप आगामी वर्षों में उत्तर प्रदेश पोषण के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करेगा। हम सभी जानते हैं कि बच्चे के विकास का सीधा सम्बन्ध उनके आहार से होता है शिशु के 6 माह पुरे हो जाने पर केवल माँ का दूध बच्चे की पोषण आवयश्कता के लिए पर्याप्त नहीं होता है अतः बच्चे की बढ़ती उम्र के साथ आहार लेने का तरीका व बारम्बारता का ध्यान रखना जरुरी है क्योकि इस के आभाव में कुपोषण पनपता है और बच्चों के विकास में बाधा उत्तपन्न होती है। श्रीमती अनामिका सिंह सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने अपने उद्बोधन में पोषण पाठशाला की रूपरेखा एवं उपयोगिता के सम्बन्ध में प्रकाश डाला तथा पूरक आहार की महत्वता के बारे में अवगत कराया गया कि 06 माह के उपरान्त बच्चों के ऊपरी आहार की शुरूआत होनी चाहिए जिसका प्रतिशत अपने प्रदेश में काफी कम है। प्रथम 1000 दिवस सही पोषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते है। विशेष रूप पर प्रकाश डाला गया। कपिल सिंह, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण पाठशाला के मुख्य थीम ‘‘ऊपरी आहार की सही शुरूआत‘‘ व राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त व दक्ष वक्ताओं का परिचय तथा उनके द्वारा पोषण पाठशाला में चर्चा किए जाने पर प्रकाश डाला गया साथ ही लाभार्थियों को बेहतर से बेहतर जानकारी प्रदान करना, भ्रान्तियों को दूर करना तथा स्वास्थ्य व पोषण के प्रति जागरूक करना पोषण पाठशाला का मुख्य उददेश्य के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। विषय विशेषज्ञों के रूप में डॉ. रूपल दलाल एडजंक्ट एसोसिएट प्रोफेसर, सीटीआरए, आईआईटी बॉम्बे, सुश्री दीपाली फरगड़े, पोषण विशेषज्ञ, एसएमडीटी, डॉ पियाली भट्टाचार्य, वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, लखनऊ, डॉ देवजी पाटिल, सलाहकार सार्वजनिक स्वास्थ्य और पोषण आई0आई0टी0 बाम्बे द्वारा पोषण पाठशाला में ऊपरी आहार की सही शुरूआत विशेषकर 06 माह से 08 माह के बच्चों के विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी। विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न प्रकार के पोषण तत्वों तथा आहार की सही समय पर शुरूआत करने की महत्वता के बारे में आज की पोषण पाठशाला में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गयी। डॉ0 रूपल दलाल द्वारा बढ़ती आयु व विकास में पोषक तत्वों का महत्व ; ज्लचम 1 दक ज्लचम 2 दनजतपमदजेद्ध के बारे में, डॉ पियाली भट्टाचार्य द्वारा बीमार व कुपोषण बच्चों में आहार सम्बन्धी समस्यायें व उनके निराकरण के बारे में, सुश्री दीपाली फरगडे द्वारा ऊपरी आहार की महत्वता तथा इसके विभिन्न आयाम के बारे में, तथा डॉ0 देवाजी पाटिल द्वारा ऊपरी आहार-परामर्श के आवश्यक बिन्दु के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी। डॉ0 रूपल दलाल द्वारा कैलीर्फोनिया ; न्द्ध से, डॉ0 देवजी बैंगलौर से तथा सुश्री दीपाली फरगडे द्वारा मुम्बई से इसमें वी0सी0 के माध्यम से प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जनपदों के लाभार्थियों द्वारा प्रश्न पूछे गये, जिसका विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तारपूर्वक उत्तर भी दिया गया। प्रश्नोत्तर सत्र का संचालन सेराज अहमद, संयुक्त परियोजना समन्वयक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अन्त में विभाग की विशेष सचिव श्रीमती संदीप कौर द्वारा पोषण पाठशाला में प्रतिभाग करने के लिए मंत्री सहित अन्य प्रतिभागियों एवं सहयोगियों को धन्यवाद दिया गया। इस कार्यक्रम में श्रीमती बेबी रानी मौर्य मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास एवं पुष्टाहार उ0प्र0 शासन, श्रीमती अनामिका सिंह, सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार, श्रीमती संदीप कौर विशेष सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार, कपिल सिंह, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, सेराज अहमद, संयुक्त परियोजना समन्वयक, पोषण अभियान के साथ-साथ श्रीमती अर्जित सागर नीति आयोग एवं हेमन्त मीना नीति आयोग भारत सरकार सम्मिलित थे। डॉ0 रिचा एस0 पाण्डेय राज्य प्रतिनिधि यूनिसेफ, सुश्री शुभा रावत कन्सल्टेन्ट यूनीसेफ, डा0 मनीष कुमार पी (निदेशक स्वास्थ्य एवं पोषण) यू0पी0टी0एस0यू0 आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में एन0आई0सी0 द्वारा आवश्यक तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया।

Sort:  

Like my post