परिवार नियोजन परामर्श दिवस केन्द्रों पर हुआ आयोजित

in #mirzapur2 years ago

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नित्यवार्ता डेस्क : विकास तिवारी
मीरजापुर। विश्व जनसँख्या दिवस को सोमवार को परिवार नियोजन परामर्श दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल समेत सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रोंए स्वास्थ्य उप केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार को सीमित रखने और दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखने के बारे में दम्पति को जागरूक किया गया। इसके अलावा जनजागरूकता रैली निकालकर समुदाय को छोटे परिवार के बड़े फायदे के बारे में सन्देश दिया गया। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने को लेकर श्मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन आयोजित किये गये। केन्द्रों पर स्टाल लगाकर भी लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी गयी और इन्हें अपनाने के बारे में प्रेरित किया गया। जनजागरूकता रैली को सीएमओ कार्यालय से रवाना करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि परिवार की खुशहाली शिक्षा स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव हैए जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद हैए जिसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर भी रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक अजय सिंह ने कहा कि समुदाय में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं के माध्यम से दो चरणों में परिवार नियोजन पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके पहले चरण में 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गयाए जिसके तहत लक्षित दम्पति को चिन्हित कर परिवार नियोजन साधनों को अपनाने के प्रति प्रेरित किया गया। अगला चरण जनसँख्या स्थिरता पखवाड़ा का आज से शुरू हो रहा है जो 30 जुलाई तक चलेगा। इसके तहत लक्षित दम्पति को सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के बारे में किशोर, किशोरियों को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि भविष्य में वह सही समय पर सही कदम उठाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रमों में पुरुषों की सहभागिता को बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ.साथ पुरुषों को भी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। छोटा परिवार सुखी परिवार की अवधारणा बिना पुरुष के अधूरी है। इसके तहत जिले राजगढ़ ब्लॉक को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। प्रदेश के हर मण्डल के एक-एक प्रमुख जनपद के एक ब्लॉक को पायलट के रूप में चुना गया है। जनपद में पहला मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन राजगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य उप केंद्र पर आयोजित किया गया था। आज जनपद के सभी ब्लॉक के सामुदायिक व प्राथमिक, स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया। मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन में जहां दंपति के साथ परिवार नियोजन जागरूकता को लेकर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं वहीं उन्हें छोटा परिवार सुखी परिवार के लाभ भी बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के बारे में भी बताया जा रहा है। सोमवार को स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर आयोजित मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन में 30 दंपति ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन में 14 मिस्टर स्मार्ट चुने गए। इस अवसर पर लाभार्थी अनीता ने कहा कि कछवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में पति के साथ पहुंचकर परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी हासिल की। अभी हमारी शादी के दो महीने हुए हैं और अभी हमको बच्चा नहीं चाहिएए इसके लिए हमने गर्भनिरोधक गोली के विकल्प को चुना है।

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