साल में अक्षय तृतीया के दिन एक बार होते है बांके बिहारी जी के चरण दर्शन

in #mathura2 years ago

अक्षय तृतीया का उत्सव ग्रीष्म काल में सबसे सर्वोत्तम उत्सव है वैशाख शुक्ल पक्ष की 30 को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है इस दिन श्री धाम वृंदावन के मंदिरों में चंदन यात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस उत्सव के अंतर्गत भगवान को चंदन अर्पित किया जाता है श्री बांके बिहारी के मंदिर में ठाकुर जी के चरण दर्शन वर्ष भर में केवल एक बार अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं ब्रज में चंदन महोत्सव के नाम से विख्यात इस उत्सव में वृंदावन के मंदिरों में ठाकुर जी का सिंगार बड़ा ही अद्भुत होता है ठाकुर जी का मुकुट चंद का कान के कुंडल झुमका गले का हार बाजूबंद कंगन आदि सब चंदन से ही निर्मित होते हैं इतना ही नहीं इस दिन ठाकुर जी को चंदन से बनी पोशाक धारण कराई जाती है चंदन की लकड़ी से बने सिंहासन पर ठाकुर जी विराजमान कराए जाते हैं ठाकुर जी बांके बिहारी के चरणों के दर्शन भक्तों को कराए जाते हैं त्रिभंगी मुद्रा में भक्तों को दर्शन देते ठाकुर जी के चरणों में चंदन का लड्डू धरा जाता है बांके बिहारी मंदिर के साथ ही श्री राधा श्यामसुंदर मंदिर में भी इस तरह के दर्शन होते हैंBanke-Bihari-Image-Vrindavan-HD-Download.jpg