जिला स्तरीय गो संरक्षण अनुश्रवण मूल्याँकन एवं समीक्षा

in #mathura2 years ago

Screenshot_20221122_192909.jpg गौ-आश्रय स्थलों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा के दौरान सम्बन्धित अधिकारियों को निर्माण कार्यो को एक सप्ताह में पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने सहभागिता योजना के तहत लक्ष्य के अनुरूप गोवंशों की सुपुर्दगी में प्रगति लाने के निर्देश देते हुए कहा कि सुपुर्दगी में दी गई गोवंशों का सत्यापन कराकर एक सप्ताह में आख्या सी0वी0ओ0 को उपलब्ध करा दिया जाय, जिससे समय से भुगतान किया जा सकें। किसी भी गौ-आश्रय स्थल में चारा न होने की शिकायत न आने पाये, शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेंगी। उन्होंने पशु चिकित्साधिकारियोें को अपने-अपने गौ-आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करते हुए सभी व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होेंने सभी उप जिलाधिकारियों, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी तथा पशु चिकित्सा अधिकारी को भी नियमित गौ-आश्रय स्थलों का निरीक्षण कर व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण करने के भी निर्देश दिये। मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना ने कहा कि जिन अधिकारियों द्वारा गौ-आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया जाय, वे सभी अधिकारी निरीक्षण पंजिका में गौवंशों की संख्या आदि स्पष्ट रूप से अवश्य अंकित करें। आस्थाई गौशाला बनाने के लिए सभी तहसीलदार जमीन चिन्हीकरण की कार्यवाही पुरी करें । 44 अस्थाई गौशालाओं में कार्य तत्काल कार्य शुरु कर फोटोग्रॉफ सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। गौवंश को गौशालाओं में पहुँचाने का विशेष अभियान चलाया जायेगा। सभी गौशालाओं में नेपियर ग्रास लगाने की कार्यवाही की जाये तथा इच्छुक समूहों को गोवर एवं गोमूत्र से बनने वाले प्रोडेक्ट के लिए चयनित किया जाये। बैठक जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, पुलिस आधीक्षक नगर एमपी सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ योगेंद्र सिंह पंवार, डीसी मनरेगा दुष्यन्त सिंह, पीड़ी अरुण कुमार उपाध्यय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।