विवाहिता का शव लटकता मिला, हत्या का आरोप
आजमगढ़ 01 सितम्बरः(डेस्क) नरईपुर रसूलपुर में दहेज हत्या का मामला
रविवार को सुबह नरईपुर रसूलपुर गांव में पूर्व प्रधान की पुत्रवधु का शव फंदे से लटकता मिला। मृतका के मायके वालों ने दहेज न मिलने पर हत्या कर शव लटका देने का आरोप लगाया है। मृतका के भाई शैलेंद्र यादव ने जीयनपुर कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पृष्ठभूमि
नरईपुर रसूलपुर गांव में रविवार सुबह पूर्व प्रधान की पुत्रवधु का शव फंदे से लटकता मिला। मृतका का नाम रुबीना देवी (22) था। उसका विवाह लगभग एक साल पहले गांव के ही रहने वाले व्यक्ति से हुआ था।
मृतका के भाई शैलेंद्र यादव ने पुलिस को बताया कि उनकी बहन का ससुराल पक्ष ने दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष ने दहेज न मिलने पर उनकी बहन की हत्या कर शव को फंदे से लटका दिया।
पुलिस की कार्रवाई
मृतका के भाई शैलेंद्र यादव की तहरीर पर जीयनपुर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने मृतका के ससुर, देवर और अन्य परिजनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि शव में चोट के निशान हैं, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है।
दहेज प्रथा का कुप्रभाव
दहेज प्रथा भारतीय समाज में व्याप्त एक गंभीर समस्या है। नवविवाहिता के परिवार से अत्यधिक धन और सम्पत्ति मांगना दहेज कहलाता है। दहेज प्रथा के कारण कई महिलाओं को जलाया जाता है, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और कई बार उनकी हत्या भी कर दी जाती है।
दहेज प्रथा को 1961 में प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन समाज में अभी भी इसका प्रचलन है। दहेज हत्याओं को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। महिलाओं को शिक्षित करना, उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं।
निष्कर्ष
नरईपुर रसूलपुर में पूर्व प्रधान की पुत्रवधु की संदिग्ध मौत का मामला दहेज प्रथा की विषमता को दर्शाता है। मृतका के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए समाज और सरकार को मिलकर प्रयास करने होंगे। महिलाओं को शिक्षित और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना इसके लिए जरूरी है।