पंचायत चुनाव में सैकड़ों कर्मचारी कैसे करेंगे मतदान
मतदान के बाद मतगणना होने से डाक मतपत्र का नहीं होता इस्तेमाल
मतदान कर्मचारियों को मताधिकार से किया जा रहा वंचित
मंडला . लोकतंत्र के अंतर्गत लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव में सभी को मतदान करने का अधिकार है, हर एक वो व्यक्ति जो उस क्षेत्र का मतदाता है, उसे अपने क्षेत्र, जिला और देश के विकास के लिए एक मत देने का अधिकार है, लेकिन इस पंचायत चुनाव 2022 में चुनाव आयोग के कुप्रबंधन के कारण पंचायत क्षेत्रों में रहने वाले जिले के सैकड़ों मतदान कर्मचारियों को उनके मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। जिले में तीन चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। जिसमें मतदान के पहले चरण में नैनपुर, बिछिया और मवई के जनपद क्षेत्रों में 25 जून को मतदान होगा।
बता दे कि जिन क्षेत्रों में मतदान होना है, वहां देखने में आया है कि इन्हीं जनपद क्षेत्रों के बहुत से कर्मचारियों को उनके जनपद क्षेत्र से दूर दूसरे जनपद क्षेत्र में मतदान में ड्यूटी लगाई गई है, साथ ही स्थानीय महिला कर्मचारियों को भी उनके पंचायत क्षेत्र से दूर ड्यूटी लगने की संभावना है। पंचायत के महत्वपूर्ण चुनाव में एक-एक वोट महत्वपूर्ण होता है, जिससे क्षेत्र के लोगों को ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनने का मौका मिलता है, जो उस क्षेत्र का विकास कर सके।
बन सकती है तनाव की स्थिति :
बताया गया कि इस मतदान प्रक्रिया में दूसरे जनपद क्षेत्र में या दूसरे मतदान केंद्र में जाने वाले कर्मचारी अपना बहुमूल्य मत देने से वंचित हो जाएंगे। इस चुनाव के तुरंत बाद मतगणना भी मतदान केंद्र में ही होती है, ऐसे में डाक मतपत्र का कोई औचित्य नहीं रहता। दूसरी बात यदि चुनाव आयोग मतदान अधिकारियों को डाक मतपत्र की सुविधा दे भी दे तो उसकी गोपनीयता भंग होने के 100 प्रतिशत चांस होंगे। जिससे गांव में उस कर्मचारी के साथ तनाव की स्थिति बन सकती है। इस स्थिति को देखते हुए ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांत अध्यक्ष डीके सिंगौर, जिला अध्यक्ष दिलीप मरावी ने जिला रिटर्निंग ऑफिसर से अपील की है कि चुनाव ड्यूटी लगाने में ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे कोई भी मतदान कर्मचारी अपने मताधिकार से वंचित ना रहे।
चौथे प्रशिक्षण पर उठे सवाल :
ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के जिला प्रवक्ता अभित गुप्ता ने चुनाव के दो दिन पूर्व चुनाव क्षेत्र वाले जनपद क्षेत्र में मतदान कर्मचारियों के होने वाले चौथे प्रशिक्षण को औचित्यहीन बताया है। कर्मचारियों के अनुसार पूर्व में ही पंचायत चुनाव के लिए तीन बार प्रशिक्षण दिए जा चुके हैं। जिसमें तीसरा प्रशिक्षण रैंडम आदेश और पूरे मतदान दल के साथ दिया गया था। ऐसे में चुनाव के 2 दिन पूर्व एक और प्रशिक्षण का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
मतदान दल में एक और मतदान अधिकारी बढ़ाने की मांग :
ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन की आईटी सेल प्रांतीय उपाध्यक्ष रश्मि मरावी ने चुनाव आयोग से अनुरोध करते हुए कहा है कि हर मतदान केंद्र में मतदान दल में पीठासीन के अलावा सिर्फ तीन मतदान अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिसमें एक चिन्हित मतदाता सूची-अमिट स्याही, दूसरा पंच-सरपंच के मतपत्र और तीसरा जनपद सदस्य-जिला पंचायत सदस्य के मतपत्र का प्रभारी होगा। ऐसे में मतपेटी में सभी मतदाता चारों मतों को डालते हैं या नहीं इसका ध्यान रखना मुश्किल होगा। क्योंकि मतदान का समय कम होने और पंचायत चुनाव में अधिक प्रतिशत में मतदान होने के कारण इन चारों मतदान अधिकारियों को अधिक भीड़ होने के कारण सिर उठाने तक की फुर्सत नहीं मिलती। ऐसे में सभी मतदाताओं ने चारों मत पेटी में डाला या नहीं इसका ध्यान रखना असंभव सा कार्य है। इसलिए चुनाव आयोग को स्थानीय तौर मतदान पेटी के प्रभारी के रूप में श्च4 की नियुक्ति करनी चाहिए, जो मतदान पेटी में डलने वाले वोटों की निगरानी कर सके, ताकि सभी मतदान अधिकारी बिना टेंशन के पूरे मनोयोग से निश्चिंत होकर मतदान का कार्य पूरा करा सकें।
आने-जाने और रुकने की उचित व्यवस्था की जाए :
ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के कार्यकारी जिलाध्यक्ष नंदकिशोर कटारे ने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए हर ब्लॉक से मतदान कर्मचारियों को दूसरे ब्लॉक तक जाने के लिए निर्धारित समय पर पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाए। बारिश को देखते हुए साथ ही सामग्री वितरण एवं सामग्री जमा करने की सुविधाजनक व्यवस्था बनाई जाए। मतदान केंद्रों में मतदान दलों के ठहरने, खाने-पीने, सोने और लाइट गुल होने पर प्रकाश बनाए रखने की उचित व्यवस्था की जाए तथा सामग्री जमा करने के पश्चात सभी मतदान अधिकारियों को उनके ग्रह ब्लॉक तक पहुंचाने की व्यवस्था जिम्मेदारी से की जाए।
इनका कहना है
मध्यप्रदेश शासन को लग रहा है कि पुरानी पेंशन की मांग को लेकर पूरे प्रदेश के कर्मचारी सरकार से खपा हैं। ऐसे में निसंदेह अधिकांश कर्मचारी सरकार समर्थित प्रत्याशी को वोट नहीं देगा। इसलिए जानबूझकर कर्मचारियों को उनके मताधिकार से वंचित किया जा रहा है, जबकि पंचायत चुनाव पक्ष-विपक्ष के आधार पर नहीं, प्रत्याशी की योग्यता और व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर निर्धारित होता है।
संजीव सोनी, प्रांतीय प्रवक्ता, ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन
चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव में एक एक वोट के महत्व को समझते हुए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी थी। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, गलती से जिन कर्मचारियों की ड्यूटी उनके ब्लाक में मतदान होने के बाद भी अन्य ब्लाक में लगाई गई है, उन्हें रिजर्व दल में रखकर उन्हें वापस उनके ब्लाक रवाना किया जा सकता है। साथ ही महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते समय कोशिश की जानी चाहिए कि यदि वे पंचायत क्षेत्र की निवासी है तो उनकी ड्यूटी उन्हीं के पंचायत केंद्र में लगाई जानी चाहिए।
डीके सिंगौर, प्रांताध्यक्ष, ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन
जनतांत्रिक प्रणाली में मताधिकार का बहुत महत्व होता है। लोकतंत्र की नींव मताधिकार पर ही रखी जाती है। इस प्रणाली पर आधारित समाज व शासन की स्थापना के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक वयस्क नागरिक को बिना किसी भेदभाव के मत का अधिकार प्रदान किया जाय। मंडला जिले में चुनाव कार्य में लगे कई कर्मचारियों को मताधिकार से वंचित होना पड़ रहा है जो उचित नही है।
दिलीप मरावी जिलाध्यक्ष ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन मंडला
पंचायत चुनाव में इतनी संख्या में महिलाओं की ड्यूटी पहली बार लगाई गई है। बारिश के इस मौसम में ज्यादातर मतदान केंद्र में महिलाओं के रुकने, तैयार होने लायक पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं है। ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए या तो मतदान केंद्र में उनके लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए या उन्हें सुविधानुसार गांव की किसी महिला कर्मचारी के यहां रुकने की उचित व्यवस्था कराई जाए।
रश्मि मरावी, प्रांतीय उपाध्यक्ष आईटी सेल, टीडब्लूटीए
पंचायत चुनाव में जिला प्रशासन को बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मतदान समाग्री वितरण, संकलन करने, आने-जाने, ठहरने, खाने-पीने आदि सभी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि सभी मतदान कर्मचारी निर्विघ्न चुनाव सम्पन्न कराकर स्वस्थ्य और सुरक्षित अपने घर वापस लौट सकें।
विजेंद्र वरकड़े, संकुल अध्यक्ष, टीडब्लूटीए इंद्री
चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव में एक एक वोट के महत्व को समझते हुए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी थी। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, गलती से जिन कर्मचारियों की ड्यूटी उनके ब्लाक में मतदान होने के बाद भी अन्य ब्लाक में लगाई गई है, उन्हें रिजर्व दल में रखकर उन्हें वापस उनके ब्लाक रवाना किया जा सकता है।
कमोद पावले, ब्लाक अध्यक्ष बीजाडांडी, ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 एक सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को निर्वाचित सरकार के सभी स्तरों के चुनावों के आधार के रूप में परिभाषित करता है। अत: पंचायत चुनाव में चुनाव कार्य में लगे कर्मचारीयों को मत देने से वंचित करना संवैधानिक अधिकार का हनन है।
मीना साहू जिला अध्यक्ष (महिला विंग) ट्राइबल वेल्फेयर टीचर्स एसोसियेशन मंडला
महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते समय कोशिश की जानी चाहिए कि यदि वे जिस पंचायत क्षेत्र की निवासी है, उनकी ड्यूटी उन्हीं के पंचायत केंद्र में लगाई जानी चाहिए या उसके आसपास के केंद्र में लगाई जाए और उन्हें शुरुआत या बीच में आधा घंटे का समय देकर अपने गांव में जाकर वोट डालने का अवसर दिया जाए ताकि वे भी मतदान करने से वंचित ना रहें।
नंदकिशोर कटारे, कार्यकारी जिलाध्यक्ष, टीडब्लूटीए
शासन द्वारा निर्देश दिए गए है कि जिस विकासखंड के चुनाव है, वहां के कर्मचारी अपने ही विकासखंड में रहेंगे, वहीं 25 जून और 01 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए भी आदेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ महिलाओं को छूट दी गई है कि उनको पूलिंग वूथ दो-तीन के स्थानीय स्तर पर ड्यूटी लगाई है।
विजय तेकाम, सहायक आयुक्त, जनजाति कल्याण विभाग
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सबका साथ जरूरी हैं, एक दूसरे के साथ से सबका विकास
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