सामुदायिक भूमि को हरा भरा करने की तैयारी

in #mandla2 years ago

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  • ग्रामो में जन जाग्रति के साथ पौधा रोपड़ व संगृहित बीज को लगाने का कार्य प्रारंभ
  • पर्यावरण को बचाने अपनी स्वेच्छा से जन अभियान में जुड़ रहे लोग
  • पर्यावरण को संतुलित करने में दे रहे सहयोग
  • ग्रामवासियों द्वारा जंगल और उसमें लगे पेड़ पौधों के महत्व पर की चर्चा
  • हरियाली अमावस्या तक नर्मदा मैया करे पुकार आओ लगाये पेड़ हजार जन अभियान शुरू
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मंडला। घटते जंगल और नदियों के कटाव से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। इस बिगड़ते संतुलन को सही करने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी। हर एक व्यक्ति को पौधा लगाकर उसके परिपक्क होने तक उसकी सुरक्षा का संकल्प लेना होगा, तब कही जाकर हम पर्यावरण को स्वच्छ और संतुलित करने में की गई भागीदारी सफल होगी। जिले के कुछ समाजसेवियों, जागरूक ग्रामीणों और पर्यावरण के प्रति लगाव रखने वाल संस्था द्वारा जंगल में फलदार और वन उपज के पौधे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे घटते वनों की संख्या बढ़ाई जा सके और वातावरण को शुद्ध बनाया जा सके।
बता दे कि अमरकंटक से कल-कल ध्वनि के साथ आगे बढ़ते हुए माँ नर्मदा निवास विकासखंड से होते हुए मंडला की ओर आगे बढती है। नर्मदा नदी को मंडला जिले की जीवन रेखा और जीवन दायनी माना जाता है, क्योकि इसके आसपास बसे गाँव की आजीविका और संस्कृति नर्मदा नदी और इससे जुड़े छोटे छोटे नदी नालो पर निर्भर करती है। पानी के स्रोत और नदी के किनारे खड़े पेड पौधे जैसे संसाधन का सीधा संबंध वह पर निवास कर रहे ग्रामीणों के साथ है।
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निवास विकासखंड के रहवासियों का मानना है कि पिछले 20-25 साल पहले के मुकाबले जंगल की हरियाली कम होते जा रही है। जंगलों में पेड़ पौधों का कत्लेआम किया जा रहा है, जिसके कारण जंगल समाप्त होते जा रहे है। जिसके कारण जिले से गुजरे नदी, नाले का भी अस्तित्व खतरे में है। इनके कटाव के कारण नदी, नालों का पाट भी चौड़ा होता जा रहा है, जिसके कारण जल स्तर में भी कमी देखी जा रही है।

  • पौधारोपण व संगृहित बीज लगाने का कार्य प्रारंभ :
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    बता दे कि समाप्त होते जंगलों को देखते हुए जिले के जागरूक ग्रामीण और पर्यावरण के प्रति लगाव रखने वाली संस्था ने जीवन दायनी नर्मदा व उससे जुड़े हुए छोटे छोटे नालो का पुनर्जीवन करने के लिए इन्ही के नजदीक पेड़ पौधे के साथ ही सामुदायिक जमीनों पर पहले से ही एकत्र किये गए बीजो के रोपड़ करने की तैयारी कर रखी है। इनके द्वारा प्रतिवर्ष वृहद रूप से पौधारोपण किया जा रहा है। जिससे मंडला जिले को हरियाली की चादर से ढांक सके। इस सोच के साथ निवास विकासखंड के 40 से अधिक ग्राम के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन समितिं के मार्गदर्शन पर लोगो ने वन महोत्सव से हरियाली अमावस्या तक नर्मदा मैया करे पुकार आओ लगाये पेड़ हजार जन अभियान शुरू किया है। इस जन अभियान में भाग लेते हुए अलग अलग ग्रामो में जन जाग्रति के साथ पौधा रोपड़ और संगृहीत बीज को लगाने का कार्य आरभ कर दिया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता सत्यशोभन दास ने बताया कि जन अभियान के अंतर्गत बिछिया, निवास, मंडला समेत अन्य ब्लाकों के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में जन सहयोग द्वारा संरक्षित पेड़ पौंधे से संग्रहित बीजों को समुदायिक व व्यक्तिगत खाली पड़ी जमीन पर रोपित किया जा रहा हैं और जहॉं बीज एकत्र किये गये हैें वहां पर मिटृटी व खाद की मदद से सीड बाल बनाकर सामुदायिक भूमि में छोड़ा जाएगा।
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  • 30 ग्रामीणों ने लगाए सामुदायिक भूमि पर पौधे :
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    सामाजिक कार्यकर्ता सत्यशोभन दास ने बताया कि पर्यावरण के प्रति लोगों में आती जागरूकता का असर वर्तमान वर्ष में वन महोत्सव के दिन नजर आ रहा है। जहाँ निवास ब्लाक के पद्दीकोना ग्राम में देखने को मिल रहा है। बताया गया कि निवास विकासखंड के ग्राम पद्दीकोना के करीब 30 ग्रामीणों द्वारा मिलकर एक सामुदायिक जमीन पर अलग अलग प्रजाति के बीजो को लगाया गया है। वही दूसरी ओर बिछिया ब्लाक के चंगारिया ग्राम में धूमधाम से वन महोत्सव मनाया गया। जिसमें ग्रामवासियों द्वारा जंगल और उसमें लगे पेड़ पौधों के महत्व पर चर्चा की, इसके साथ ही ग्राम के ही सामुदायिक जमीन पर 01 पीपल , 01 बरगद, 01 पौधा नीम, 01 पौधा तुलसी, 08 पौधा अरंडी व 05 आम के पौधों का रोपड़ किया गया। इसी तरह कनाहरी खुर्द में भी महिला पुरुष युवा के साथ बालिकायें भी वन महोत्सव कार्यक्रम में शामिल होकर अलग अलग प्रजाति के पौधे जैसे आम 19, अमरूद 0 3 पीपल 02 और नीम का एक पेड़़ लगाकर वन महोत्सव का उत्सव मनाया।
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    • जन अभियान : नर्मदा मैया करे पुकार आओ लगाये पेड़ हजार :
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      जन अभियान : नर्मदा मैया करे पुकार आओ लगाये पेड़ हजार, दो महीनो तक चलने वाले लोगो का अभियान फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्यूरिटी व एमपीएसदीआई ( एनजीओ का समूह ) के सहयोग से चलाया जा रहा है। नर्मदा नदी में घटता पानी का जलस्तर की ओर लोगो का ध्यानाकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में पर्यावरण दिवस के अवसर पर पिछले वर्ष यह जन अभियान प्रारंभ किया गया था, जो आज वृहद रूप ले चुका है। इस अभियान में लोग अपनी स्वेच्छा से सहभागी बन रहे है। जिससे पर्यावरण को बचाया जा सके।
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सही शुरूआत

Very nice

Bahut sarahniy kaam hum sab ko karna chahiye

Good work