प्राकृतिक खेती में लगने वाली सामग्री बनाने में जुटे कृषक
खरीफ सीजन के लिए प्राकृतिक रूप से निर्मित खाद एवं कीटनाशक दवाओं का किया जा रहा है निर्माण
मंडला। जिले के समस्त विकासखण्डों के चयनित ग्रामों में प्राकृतिक खेती पर आयोजित चौपाल एवं प्रशिक्षण के माध्यम से प्राकृतिक खेती के गुर सीख कर कृषकों ने अपने ग्रामों में आवश्यक सामाग्री जैसे बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, ब्रम्हास्त्र, अग्नीआस्त्र, दशपर्णिअर्क, निमास्त्र बनाने की तैयारी प्रारंभ कर दी हैं। कृषक, विकासखण्ड नारायणगंज के ग्राम डुंगरिया, तरवानी, हर्राटिकुर, विकासखण्ड बिछिया के ग्राम गुबरी, विकासखण्ड बीजाडांडी के ग्राम बरगांव, भाटाडुंगरिया, विकासखण्ड मंडला के ग्राम पीपरपानी, विकासखण्ड नैनपुर के ग्राम भालीवाड़ाजर, विकासखण्ड मोहगांव के ग्राम सुनटिकरी, विकासखण्ड मवई के ग्राम मोहगांव, विकासखण्ड घुघरी के ग्राम पौंड़ी, विकासखण्ड निवास के ग्राम मोहपानी में कृषकों ने खरीफ सीजन में खेती की तैयारी के साथ-साथ प्राकृतिक खेती करने में जो आवश्यक सामाग्री को कृषकों द्वारा तैयार कर लिया गया है।
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, परियोजना संचालक आत्मा और एनआरएलएम का अमला एवं जिले में कार्यरत एनजीओ वाटरसेड आर्गनाइजेशन ट्रस्ट के द्वारा लगातार कृषकों को उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों से प्राकृतिक खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ-साथ रसायनिक खाद एवं दवाओं के दुष्परिणाम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। गांवों में खरीफ सीजन में प्राकृतिक रूप से निर्मित खाद एवं कीटनाशक दवाओं का निर्माण किया जा रहा है।
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मंजिल तक पहुंचने के लिए सबका साथ जरूरी हैं, एक दूसरे के साथ से सबका विकास होना तय हैं। इसलिए सबको साथ लेकर चलो। 👍👍
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