लापरवाही- प्रशासन नहीं लिया सबक, नहीं बना सके 50 मीटर एप्रोच मार्ग

in #mandla2 years ago

नहीं हो सका पक्का निर्माण, तेज बारिश में फिर बह जाएगा एप्रोच मार्ग
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मंडला 14 जून नभाप्र. घुघरी से सलवाह मार्ग को जोडऩे वाले बुढनेर नदी के ऊपर बने पुल का एप्रोच मार्ग पिछले कुछ वर्षो से बाढ़ की चपेट में आने बह गया था, जिसके बाद विगत वर्ष इस एप्रोच मार्ग पर मिट्टी बोल्डर और मुर्रम डाल कर इतिश्री कर दी गई थी और संबंधित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि इस एप्रोच मार्ग को जल्द से जल्द बना दिया जाएगा। जिससे आने वाले वर्ष में इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को बारिश में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन इस एप्रोज मार्ग में मिट्टी, बोल्डर, मुर्रम डाल कर इतिश्री कर ली गई। अब मानसून सक्रिय होने वाला है, यह एप्रोच मार्ग एक बार फिर दलदल की स्थिति में नजर आएगा।
बता दे कि यह एप्रोच मार्ग विगत वर्ष हुई जोरदार बारिश के कारण आई बाढ़ से बह गया था, जिसके कारण दो-तीन दिन तक घुघरी विकासखंड के करीब 100 गांव का संपर्क घुघरी मुख्यालय से टूट गया था। इस घटना के बाद यहां कच्चा एप्रोच मार्ग बनाकर पुल से जोड़ा गया। जिसके बाद यहां आवागमन शुरू हो सका। बता दे कि यदि इस एप्रोच मार्ग के आसपास रिंग बॉल बना दी जाए तो बाढ़ में इस मार्ग के बहने की संभावना कम हो जाएगी। लेकिन यहां संबंधित अधिकारी ना तो रिंग बॉल बना रहे है और ना ही मार्ग को पक्का करने में अपनी रूचि दिखा रहे है।
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जानकारी अनुसार घुघरी से सलवाह मार्ग को जोडऩा वाला बुढऩेर नदी में बना पुल विगत दो वर्ष पहले पानी के तेज बहाव में पुल के किनारे की करीब 50 फिट मार्ग क्षतिग्रस्त होकर बह गया था। पुल के मुहाने पर करीब 7 फिट का गहरा गड्डा हो गया था। पुल को जोडऩे वाला मार्ग पूरी तरह से उखड़ चुका था। जिसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधिकारी मौके का मुआयना कर यहां कच्चा एप्रोच मार्ग बनवाया। जिससे मार्ग में यातायात शुरू हो सका।
फिर टूट जाएंगा संपर्क :
बताया गया कि घुघरी विकासखंड के बुढऩेर नदी पर पुल का निर्माण वर्ष 2002 में किया गया था। जब से लेकर आज दिनांक तक पुल के एप्रोच मार्ग को पक्का नहीं बनाया गया। पिछले तीन वर्षो से बाढ़ में यह एप्रोच मार्ग बह जाता है। अब यह चौथा वर्ष है कि इस एप्रोच मार्ग को पक्का नहीं किया गया है। इस वर्ष बाढ़ आने पर एक बार फिर घुघरी के 100 गांव का संपर्क टूट जाएगा। जिससे ग्रामीणों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं है।
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मुर्रम, मिट्टी डालकर मार्ग किया था शुरू :
बता दे कि विगत वर्ष आई बाढ़ के कारण घुघरी से 2 किमी दूर सलवाह मार्ग पर बने पुल की एप्रोच मार्ग डह गई थी। जिसके कारण सैकड़ों ग्रामीणों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया था और दो-तीन दिन तक परेशानी का सामना करना पड़ा था। आनन फानन मे एप्रोच में बोल्डर डालकर मार्ग चालू किया गया। फिर दोबारा एक सप्ताह में दूसरी बार आई बाढ़ में पुन: एप्रोच बह गई और एक बार फिर 4-5 दिन मार्ग अवरूद्ध हो गया। दोबारा मुर्रम, मिट्टी, बोल्डर डालकर मार्ग चालू कर दिया गया है। कच्चा मटेरियल डालने के दो वर्ष बाद भी उसे पक्का नहीं बनाया गया। इस वर्ष तेज बारिश में एक बार फिर यह एप्रोच मार्ग बह जाएगा।
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नहीं बना सके पक्का एप्रोच मार्ग :
विगत वर्ष ग्रामीणों के मुख्यालय से संपर्क टूटने के बाद भी संबंधित विभाग ने इस पूरे एक वर्ष में एक छोटे से पेंच के एप्रोच मार्ग का पक्का निर्माण नहीं करा पाई है। यहां बारिश के दौरान ग्रामीणों को होने वाली परेशानी से जिला प्रशासन समेत संबंधित अधिकारियो को दिलचस्पी दिखाई नहीं दे रही है। फिलहाल विगत दिवस हुई जोरदार बारिश से यह एप्रोच मार्ग दलदल बन गया था, जिससे आने जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एक बार फिर इस वर्ष होने वाली बारिश में इस एप्रोच मार्ग के बहने की पूरी संभावना है। जिसके कारण इस क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है।

इनका कहना है

बरसात के दिनों में इस मार्ग से बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अभी मानसून नहीं आया है, मानसून के सक्रिय होते ही इस मार्ग की हालत जर्जर हो जाएगी और मार्ग में दलदल बन जाएगा। लगभग 50 फीट रास्ते में बोल्डर पत्थर डालकर अस्थाई रास्ता बना दिया गया है यदि यहां पर पक्का निर्माण नहीं किया गया तो फिर बारिश में एप्रोच बहने का डर बना हुआ है। इस रास्ते से बहुत से गांवों का सम्पर्क है। बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
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नरेन्द्र कुम्हरे, ग्रामीण

बारिश के दिनों में पुल से लगा हुआ एप्रोच मार्ग में कीचड़ के साथ तेज बारिश में बह भी जाता है, जिसके कारण ग्रामीणों का संपर्क मुख्यालय से टूट जाता है। सेतु निगम की लापरवाही से ग्रामीणों को बारिश के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस और ना तो संबंधित जनप्रतिनिधि, अधिकारी और शासन, प्रशासन ध्यान दे रहा है। मार्ग में मुर्र्म, पत्थर डालकर अस्थाई रास्ता बनाया गया है। जिसके कारण इस वर्ष भी बारिश में इस मार्ग से आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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अनुज मरकाम, ग्रामीण

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