कम जमीन से ज़्यादा उपज कर अधिक लाभ कमा रहे कृषक

in #mandla2 years ago

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  • किसानों के हित और अच्छी खेती के गुर सिखाने की कवायद
  • बहु परत कृषि खेती को बना दिया आसान
  • किसानों के लिए आय वर्धन का एक नया नमूना स्थापित
  • कम लागत में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे किसान

मंडला. हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जिनके पास अधिक जमीन है। इस जमीन में वह एक से अधिक फसलों की खेती करके लाभ कमा रहे हैं। खेती हमारे लिए कितनी जरूरी है,ये तो सब जानते ही है। हजारों बरसों से हमारे देश में खेती की जा रही है। आधुनिक युग में खेती करना और भी आसान हो गया है, क्योंकि आज किसानों के पास खेती से जुड़े सभी पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं, जिसने खेती को आसान बना दिया है। वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि के साथ भारतीय कृषकों की सीमित भूमि एक विकट समस्या है, जहाँ कृषि से अधिक उपज प्राप्त हो पाने के लिए आकर्षित प्रारूपों को स्थापित करने की जरूरत है। इसी दिशा में स्थानीय कृषकों के लिए कार्य करते हुए प्रदान संस्था और आजीविका मिशन की टीम ने कई उदाहरण पेश किए है।

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जानकारी अनुसार जिले के चयनित विकासखंडों में प्रदान संस्था किसानों के हित और अच्छी खेती के गुर सिखाने की कवायद कर रही है। जिससे क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत और सुदृढ़ हो सके। इसी का एक उदाहरण पेश करते हुए प्रदान संस्था और आजीविका मिशन टीम के संयुक्त प्रयास से मोहगांव विकासखण्ड में बहु परत खेती के 10 प्रदर्शन प्लॉट सफलतापूर्ण तरीके से स्थापित किए गए हैं। बहु परत कृषि प्रणाली से आधा एकड़ ज़मीन से ही साल भर में सत्तर हज़ार रुपयों तक की कमाई संभव है और इस प्रणाली के सकारात्मक नतीजे देखने के बाद अब इसे विकासखण्ड के सैकड़ों किसानों तक ले जाने का उद्देश्य है।

  • चार माह में कमाए 20 हजार :
    बता दे कि जिले के नारायणगंज और मोहगांव में बहु परत और जैविक खेती के लिए किसानों को जागरूक किया गया है। जिसके बाद यहां के कृषक जागरूक होकर अब बहु परत और जैविक खेती की तरफ अपना रूझान कर लिए है। इस उन्नत कृषि को लेकर वरदान संकुल के दृष्टिकोण द्वारा और वित्तीय संसाधन का उपयुक्त प्रयोग करते हुए दिसंबर माह से इस गतिविधि पर काम किया जा रहा है। मोहगांव विकासखंड में बहु परत कृषि प्रणाली के 10 प्रारूप स्थापित करने के लिए कुछ किसानों का चयन कर उन्हें इस विधि को सिखाने के लिए कई कृषि पाठशालाओं का आयोजन किया गया। फरवरी माह से सभी कृषकों ने इस पर काम करना शुरू किया और अब 4 महीनों में ही लगभग बीस हज़ार रुपए कमा चुके हैं।

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  • अन्य किसानों तक पहुंचाने का उद्देश्य :
    बता दे कि इस उन्नत बहु परत कृषि प्रणाली को जिले के अन्य किसानों तक पहुंचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सके। बताया गया कि अभी जिन किसानों ने बहु परत कृषि प्राणाली से खेती शुरू की है, उनके खेत करीब 30 से 50 डेसिमल क्षेत्रफल के हैं। इनमें किसानों ने चार परतों में फसल लगाई है। जिसमें कंद या फिर टमाटर, भटा, भाजी, लतर और फलदार वृक्ष लगाया गया है। इस प्राणाली में खेती करने के लिए बनाई गई योजना के अनुसार सारी गतिविधियां प्राकृतिक खेती के नियमों का पालन करते हुए की गई हैं। जिससे उपज और मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ते हुए देखने को मिली है। घर के लिए रसायन रहित पौष्टिक सब्ज़ी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त इस विधि से सभी किसानों के लिए आय वर्धन का एक नया नमूना स्थापित हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये कृषि पद्धति पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी है। आने वाले समय में इस पद्धति को सैकड़ों किसानों तक पहुंचाए जाने का उद्देश्य है।

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  • टीम सहयोग से किसानों को मिल रही सफलता :
    बहु परत कृषि प्राणाली को किसानों तक पहुंचाने और इस प्राणाली के लिए क्षेत्र के किसानों को प्रशिक्षित किया गया है। जिससे किसान अपने खेतो में यह बहु परत कृषि कर सके और कम लागत में अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सके। किसानों को इस कृषि प्रणाली से मिलने वाली सफलता का श्रेय क्षेत्र की मेहनती महिला किसानों के अतिरिक्त आजीविका और प्रदान संस्था के सामंजस्य और बेहतरीन समन्वय को जाता है। एसआरएलएम टीम जिला परियोजना प्रबंधक बीडी भाईसारे, कृषि जिला प्रबंधक सौरभ उपाध्याय, ब्लॉक परियोजना प्रबंधक मुकेश नंदा, संकुल समन्वयक संतोष, शासकीय संकुल दल और प्रदान संस्था के कृषि विशेषज्ञ सोहन के सहयोग से ही यह सब संभव हो सका है। आने वाले समय में मंडला में आजीविका वर्धन की ऐसी ही और भी गतिविधियां और किसानों की सफलता देखने को मिलेंगी।

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  • बहु परत कृषि :
    खेत में एक साल के अंदर एक ही निश्चित क्रम में दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ अपने खेत में लगाते हैं, तो उसे बहु कृषि कहते हैं. बहु कृषि की मुख्यता सोयाबीन, मूंग, उड़द और लोबिया होती है. इसके अलावा मक्का, आलू, गेहूं और भी बहु कृषि की मुख्य फसल माना जाता है, क्योंकि इन फसलों को भी किसान एक साल में एक साथ लगा सकते हैं।

  • बहु कृषि के लाभ :
    यह खेती किसानों के लिए कम जोखिम वाली है, बहु कृषि को करने के किसानों को नुकसान का सामना नामात्र के बराबर ही करना पड़ता है, किसान की भूमि, मेहनत और पूंजी का सही उपयोग होता है, किसानों की आय में बढ़ोतरी होती है, इसकी खेती से वह सालभर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।

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किसानों के लिए अच्छी खबर

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