शुगर के लिए रामबाण, तो कैंसर से भी बचाता है जामुन

in #mandla2 years ago

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  • आयुर्वेद चिकित्सा में खास स्थान
  • इम्यून सिस्टम को रखता है मजबूत
  • जामुन शौक से नहीं स्वास्थ्य लाभ के लिए भी खाएं
  • जामुन के बीज में ग्लाइकोसाइड गैलिक एसिड रहता है मौजूद
  • गंभीर बीमारियों से करता है हमारी रक्षा

मंडला. जामुन एक मौसमी फल है और कुछ समय के लिए ही आता है। जामुन फल खाने में तो स्वादिष्ट है ही, साथ ही यह आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर भी है, चूँकि यह अम्लीय प्रकृति का फल है, तो स्वाद में यह थोड़ा कसैला होता है पर पक जाने पर यह स्वाद में मीठा होता है, जामुन में भरपूर मात्रा में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज पाया जाता है। इसमें लोहा, फॉस्फोरस, कोलीन और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में हैं। साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी, विटामिन सी, मैग्नीशियम जैसे बहुत सारे पोषक तत्व भी हैं। जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है। जामुन शरीर को कई गंभीर बीमारियों से तो बचाता ही है। साथ ही इम्यून सिस्टम को भी मजबूत रखता है ।
बाजार हो या फिर गांव या शहर इन दिनों जामुन का सीजन है, हर जगह जामुन के फल दिखाई दे रहे हैं, जिन्हें लोग इसके स्वाद के चलते बड़े शौक से खाते हैं, लेकिन जामुन के पेड़ की छाल से लेकर इसके फल और गुठलियों में इतने गुण हैं कि यह मधुमेह, खून की कमी, पाचन तंत्र की बीमारियों के साथ ही कैंसर जैसे रोग तक को ठीक करने में सहायक है।
बता दे कि ऐसा शायद ही कोई क्षेत्र हो जहां जामुन के पेड़ ना मिलें, जितनी आसानी से यह मिलता है, उतने ही गुणों से भरपूर होता है। आहार विशेषज्ञ हों या फिर डॉक्टर हर कोई जामुन के फायदे बताते थकते नहीं हैं। पत्रिका मंडला ने विशेषज्ञ से जामुन से जुड़े फायदों को जाना। जिससे आप अगली बार जामुन शौक से नहीं स्वास्थ्य लाभ के लिए भी खाएं।

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  • जामुन में ये तत्व है मौजूद:
    जामुन रंग में काला बैगनी होता है, इसे इंग्लिश में ब्लैक पाम भी कहा जाता है। जामुन के फलों में विटामिन, फास्फोरस, जिंक, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन सी, आयरन मौजूद होता है, जो हमारे शरीर की कई बीमारियों से रक्षा करता है। इसी के साथ जामुन के बीज में ग्लाइकोसाइड गैलिक एसिड मौजूद होता है जो बहुत ही गंभीर बीमारियों से हमारी रक्षा करता है।
  • संक्रामक रोगों से बचाती है छाल:
    जामुन के पेड़ की छाल में उपस्थित फाइटोस्ट्रोल हमारे त्वचा की संक्रामक रोगों से रक्षा करता है, इसकी ताजी छाल को कुचल कर इसका लेप लगाने के साथ ही सुखा कर बनाए गए पाउडर को किसी भी संक्रमण वाले स्थान पर लगाने से पूरी तरह आराम मिलता है। वहीं बहुत सी बीमारियों और बुखार की बनने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में इसकी छाल का उपयोग होता है। इसके काढ़े को पीना भी लाभदायक है।
  • शुगर के लिए रामबाण:
    जामुन के फल हों या फिर बीज, मधुमेह जैसी बीमारी के लिए तो रामबाण है, क्योंकि जितना असरकारी शुगर में जामुन है, उतना कोई अन्य फल या दवा नहीं। जामुन के फल को सीधे खाने से या फिर इसकी गुठली को सुखा कर पाउडर बनाने के बाद रोज इसका सेवन किया जाए, तो मधुमेह की बीमारी से बचा जा सकता है। इसको बैलेंस भी किया जा सकता है। इस बात को आयुर्वेद के अलावा चिकित्सा विज्ञान ने भी स्वीकारा है।
  • पाचन तंत्र करता है मजबूत:
    जामुन पाचन क्रिया को नियंत्रित करने के लिए कारगर होती है, वहीं दस्त लगने पर जामुन खाने से तुरंत आराम मिलता है। इसके अलावा पेचिश, उल्टी आने जैसे लक्षणों पर भी जामुन तुरंत लाभ पहुंचाता है।
  • कैंसर से रखे दूर:
    जामुन में एंटी कैंसर गुण मौजूद रहते हैं, जो कैंसर जैसी बीमारी से शरीर की कोशिकाओं को बचाने के साथ ही इस बीमारी को नियंत्रित करने में सहायता करते हैं। इसके लिए जामुन के फलों का लगातार सेवन किया जाना चाहिए।
  • लीवर को मिलता है लाभ:
    जामुन से लीवर मजबूत होता है, साथ ही यूरिन संबंधित बीमारियों को रोकने के साथ ही बार-बार यूरिन जाना या इससे संबंधित गड़बड़ी को नियंत्रित करता है, पेशाब में जलन हो तो जामुन कुछ मिनटों में ही अपना असर दिखा देता है।

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  • अन्य रोगों में उपयोगी:
    मुंहासे दूर करने में, त्वचा रोगों में, आंखों की बीमारी में, मोतियाबिंद, कान के रोग में, दांत दर्द के लिए, मुंह के छाले, पाइल्स, पीलिया , पथरी जैसी बीमारी दाद, खाज, खुजली, सिफलिस, गठिया, अल्सर जैसी बीमारी, नाक-कान आदि से खून बहने की समस्या, जानवरों के काटने से हुए घाव और अन्य बीमारियों में भी जामुन बहुत ज्यादा कारगर सिद्ध होता है. यही वजह है कि आहार विशेषज्ञ या फिर चिकित्सक सीजन के समय जामुन खाने और बाकी समय उस की छाल पत्तियां या फिर गुठलियों के पाउडर के उपयोग की सलाह देते हैं।

  • पत्तियां भी हैं महत्वपूर्ण:
    जहर उतारने या फिर विषैले जीव जंतुओं के काटने पर जामुन की पत्तियों का रस या फिर काढा पिलाना चाहिए। साथ ही काटे हुए स्थान पर जामुन की पत्तियों को पीस कर बांधना चाहिए, क्योंकि यह नमी सोखती है। ऐसे में जहर को भी अपने में खींच लेती हैं। जामुन के फायदे इतने ज्यादा हैं कि उन्हें एक बार में बता पाना संभव ही नहीं और यही वजह है कि आयुर्वेद चिकित्सा में इसे खास स्थान दिया गया है। जिसके हर एक अंग तना छाल, पत्तियां, फल और बीज सभी के गुण बताए गए हैं। इसलिए जहां स्वाद की दृष्टि से जामुन स्वादिष्ट मौसमी फल तो है ही, वहीं चिकित्सक और आहार विशेषज्ञ इसे अलग अलग गुणों के कारण इसे सिरका, पाउडर, काढ़ा, लेप, रस, मुरब्बा आदि के रूप में उपयोग की सलाह देते हैं।

  • इनका कहना है :

जामुन एक स्वादिष्ट एवं पोषण युक्त फल है। मंडला में ये ज्यादातर सामूहिक संसाधनों से मिलता है। यह हमारे पूर्वज के सामूहिक संसाधनों के रखरखाव के प्रंबधन का नतीजा है। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए ऐसे सामूहिक संसाधन में पौधारोपण, रख रखाव और प्रंबधन की जरूरत है। बाहरी फल आप को हर जगह मिल जाते है और अच्छे दाम से मंडला में लोग खरीद रहे है, देशी फल के प्रति जागरुकता की जरूरत के साथ में यह हमारे स्थानीय अर्थनीति को मज़बूत करने के लिए जामुन और अन्य जंगल से मिलने वाले फल, कंध मूल, मशरूम को अच्छे मनोभाव से आदान प्रदान और अच्छी दर से खरीदने की जरूरत है।
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सत्यशोभन दास, सामाजिक कार्यकर्ता, टीम लीडर एफईएस, मंडला, मध्यप्रदेश

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