नवभारत साक्षरता कार्यक्रम प्रशासनिक से ज्यादा सामाजिक मुहिम - हर्षिका सिंह

in #mandla2 years ago

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कलेक्टर ने कार्यशाला को किया संबोधित
मंडला . कलेक्टर हर्षिका सिंह ने 19 मई से जिले को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने के उद्देश्य से प्रारंभ किए जा रहे Óनवभारत साक्षरताÓ कार्यक्रम की कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने कार्यशाला में कहा कि जिले को शतप्रतिशत साक्षर बनाने के लिए 19 मई से आयोजित होने वाला कार्यक्रम प्रशासनिक से ज्यादा एक सामाजिक मुहिम है। समाज के सभी वर्ग के लोग इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें तथा अपने परिवार, आसपास तथा गांव के लोगों को साक्षर बनाने का संकल्प लें। श्रीमती सिंह ने इस दौरान वॉलेंटियर्स, जन अभियान परिषद के सदस्य, एनजीओ, समाजसेवियों एवं संबंधितों को संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि हम सभी को अपने घर, पड़ोस, मोहल्ले तथा गांव के निरक्षर लोगों को Óनवभारत साक्षरताÓ कार्यक्रम के तहत निरक्षरता के अंधकार से बाहर निकालने में सक्रिय सहयोग करना है। उन्होंने महिला ज्ञानालय के तहत गांव की पढ़ी-लिखी महिलाओं द्वारा निरक्षर महिलाओं को दिए जाने वाले अक्षरज्ञान कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
कलेक्टर ने कार्यशाला में कहा कि सभी वॉलेंटियर्स के निष्ठापूर्ण सहयोग से 30 जून तक जिले को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इच्छुक व्यक्ति अपने क्षेत्र के नजदीकी माध्यमिक शाला में 19 मई से दोपहर 2 से 5 बजे तक जाकर निरक्षर लोगों को अक्षरज्ञान देकर सामाजिक परिवर्तन के इस पुनीत कार्य में सहयोग करेंगे। कलेक्टर ने कहा कि पढ़े-लिखे लोग अपना ज्ञानदान करके लोगों की जिंदगी में रोशनी लाने का काम करें। श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में निरक्षर लोगों को चिन्हित करने में साक्षरसाथी सहयोग करेंगे। इसी प्रकार आवश्यकता होने पर घर-घर जाकर भी वहां के पढ़े लिखे लोगों को जागरूक करके, उनके परिवारों के बुजुर्ग तथा आसपास के लोगों को भी साक्षर बनाने के लिए प्रेरित करें।
श्रीमती सिंह ने बताया कि नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत मनरेगा की कार्य स्थलों वनग्रामों में भी साक्षर बनाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साक्षरता के इस कार्यक्रम के लिए सभी विभागों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिले को 55 क्लस्टर में विभाजित किया गया है। प्रत्येक क्लस्टर को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी के लिए जिलाधिकारियों को नोडल भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति संकल्प लें कि उनके आसपास का कोई भी व्यक्ति निरक्षर ना रहे।
अक्षरज्ञान-दान के लिए आगे आएं जिलेवासी :
कलेक्टर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए एवं उपस्थित सभी लोगों से अपील की है कि जिले को साक्षर बनाने के इस कार्यक्रम से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ें। उन्होंने बताया कि साक्षरता का यह कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन का पुनीत कार्य है। पढ़ेलिखे लोग इस कार्य में निष्ठा भाव के साथ आगे आएं। श्रीमती सिंह ने बताया कि साक्षर बनाने में सहयोग करने वाले वॉलेंटियर्स, व्यक्तियों एवं संस्थाओं को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अक्षरज्ञान-दान देने के इच्छुक व्यक्तियों की हरसंभव मदद करेगा।

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