मार्ग ना होने का खामियाजा एक माँ को उठाना पड़ा
गर्भवती को खाट पर रखकर तीन किमी पैदल चले स्वजन, एम्बुलेंस कर्मी
मंडला. जिले के ग्रामीण व वनांचल क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में मार्ग की सुविधा ना होने के कारण अनेकों ग्राम बारिश के मौसम में वनवास काटने मजबूर है। जिसके कारण इन्हें अनेक प्रकार की परेशानी का सामना उठाना पड़ता है। मार्ग ना होने के कारण बारिश में चौपहिया वाहन का पहुंच पाना मुश्किल हो जाता है। जिससे बीमार को लाने ले जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। इस समस्या की तरफ जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है।
जानकारी अनुसार जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है, इसके साथ ही मौसम ठंडक का एहसास होने लगा है, वहीं कच्चे मार्ग वाले ग्रामों में इस बारिश के कारण यहां आवागमन मुश्किल हो गया है। घर तक पहुंच मार्ग के ना होने के कारण इसका खामियाजा एक गर्भवती महिला को चुकानी पड़ी। गुरुवार को बेहरा टोला गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके बाद गर्भवती महिला के स्वजन महिला को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा की मदद ली। जिसके बाद एम्बुलेंस गांव से 3 किमी दूर तक आ गई। लेकिन मार्ग ना होने के कारण एंबुलेंस गर्भवती महिला के घर तक नहीं पहुंच सकी।
बता दे कि आनन-फानन में महिला के स्वजन एवं एंबुलेंस के कर्मचारियों ने महिला को खाट पर रखकर 3 किमी तक पैदल चलकर एम्बुलेंस तक लेकर आए। जिसके बाद एंबुलेंस से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला की हालत नाजुक देख प्रारंभिक इलाज के बाद महिला को मेडिकल कॉलेज जबलपुर रेफर कर दिया गया था। जहां पर महिला मृत नवजात को जन्म दी। वहीं मां की हालत सामान्य बताई जा रही है। गांव की आशा कार्यकर्ता ने बताया कि सुनिया को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी थी।
एक दूसरे के साथ से सबका विकास
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Azadi ke 75 Sal bad bhi Bharat ke nagrikon ko mulbhut suvidhaon se vanchit Rahana padta hai
Sarkar ko dhyan dena chahiye
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