जिंदा व्यक्ति को मृत बताने वाले सरपंच की पत्नी चुनाव के मैदान में

in #mandla2 years ago

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  • जिला पंचायत न्यायालय ने पूर्व सरपंच को जांच उपरांत किया दोषी करार
  • क्या मतदाता आराधना मरकाम को ग्राम सरपंच पद के लिए स्वीकारेंगी या नहीं

मंडला। मप्र शासन ने दूर ग्रामीण इलाकों में ग्राम के विकास एवं ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए ग्राम पंचायत को अनेकों अधिकार दिये हैं पर ग्राम पंचायत के जबादार इन अधिकारों का दुरुपयोग करें तो उसे क्या कहा जाये।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं जिले की जनपद पंचायत नारायणगंज अन्तर्गत ग्राम पंचायत खैरी की जहां का मामला 'जिन्दा व्यक्ति को मुर्दा बताकर शासकीय योजना के लाभ से वंचित किया गयाÓ सुर्खियों में था। जिसमें ग्राम के पीडि़त व्यक्ति मुरली चक्रवर्ती द्वारा शिकायत किये जाने पर जिला पंचायत न्यायालय द्वारा जांच उपरांत सरपंच सहित और संबंधितों को नियम विरुद्ध कार्य किये जाने की सजा दी है। जिसका न्यायालय मुख्य कार्य पालन अधिकारी जिला पंचायत मण्डला ने पारित आदेश प्रकरण क्रमांक 29 दिनांक 24.05.2022 को आदेश जारी कर दोषी करार किया है।
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क्या चुवाव मे मतदाता ऐसे व्यक्ति सुनील मरकाम की पत्नी आराधना मरकाम को ग्राम प्रधान बनायेगी यह निर्णय मतदाताओं के ऊपर निर्भर करता है। बहरहाल कुछ चुनावी गणितज्ञों का कहना है कि ग्राम प्रधान होने के नाते किसी व्यक्ति को मृत बताकर योजनाओं के लाभ से वंचित करना एक बड़े अपराध की श्रेणी में आता है। जो कि इस बार पुन: चुनाव मैदान मे उतरी सुनील मरकाम की पत्नी आराधना मरकाम के चुनाव मे बड़ा असर पड़ सकता है। वही कुछ लोगो में जन चर्चा तेज है की अगर ऐसे व्यक्ति की पत्नी पुन: सरपंच बनी तो शासन की अनेकों योजनाओं के लाभ से वंचित होने की संभावना है।