शिवालयों में गूंजें बम बम भोले के जयकारे

in #mandla2 years ago

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  • सावन का पहला सोमवार
  • हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित
  • रूद्राभिषेक, महाआरती का विशेष क्रम पूरे श्रावण मास चलता रहेगा
  • शिवभक्त पूरे माह महादेव की भक्ति में लीन

मंडला। भगवान शिव के भक्तों के लिए शिवरात्रि का अपना ही खास महत्व होता है। ऐसे में भगवान शिव को समर्पित माह सावन में पडऩे वाली शिवरात्रि सभी श्रद्धालुओं के लिए खास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार साल भर में 12 शिवरात्रि आती हैं, इनमें से दो शिवरात्रि बेहद खास मानी गई हैं। सबसे प्रमुख फाल्गुन मास की शिवरात्रि मानी जाती है, जिसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसके बाद सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने व भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है।

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भगवान शिव का प्रिय मास सावन शुरू हो चुका है। इस मास में आने वाला हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है। शास्त्रों के अनुसार पूरे वर्ष शिव की पूजा करने का जो पुण्य है वह सावन में आने वाले सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से प्राप्त हो जाता है। सावन के पहले सावन सोमवार पर शिवालयो में बम-बम भोले की गूंज सुनाई दी। शिवभक्त शिवभक्ति में लीन रहे।

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सावन मास के प्रथम सोमवार को लेकर भक्तो में खासा उत्साह देखने को मिल। खासकर महिलाएं सावन सोमवार का व्रत धारण करी। पहले सोमवार के लिए शिवालयो में विशेष तैयारियां पहले ही कर ली गई थी। सावन मास में विशेष रूप से भगवान शंकर भोले बाबा की पूजा, अर्चना का अपना महत्व है। दिन तिथि और चौघडिय़ा के हिसाब से रूद्राभिषेक, महाआरती का विशेष क्रम पूरे श्रावण मास के दौरान चलता रहेगा। सोमवार पर श्रद्घालुओं द्वारा बड़ी संख्या में व्रत धारण किया गया।

  • अखंड रामायण पाठ प्रारंभ :
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    सोमवार को शिवालयों में भक्तगण भोलेनाथ का पूजन कर पुण्य लाभ अर्जित किये। मंदिरों में पूरे माह चलने वाले धार्मिक आयोजनों की शुरूआत हो गई है। इनमें सोमवार के पहले दिन से ही शहर के सारे धार्मिक स्थलों, पंडालों, मंदिरों व घरों में अखंड रामायण पाठ प्रारंभ हो गए। श्रावण मास का यह महीना परंपराओं के मुताबिक पुण्य माह माना जाता है। इसमें विशेष रूप से धार्मिक आयोजन किए जाते है।

  • शिवालय सजकर तैयार :
    बड़ी संख्या में घरों में रूद्रि निर्माण भी सोमवार से प्रारंभ हो गए। श्रद्घालुओं की अधिक संख्या की संभावना को देखते हुए मंदिरों, शिवालयों में तैयारियां की गई है। मंदिरो को आकर्षक विद्युत साजसज्जा से सजाया गया है। महिला मंडलियों द्वारा भजन-कीर्तन के आयोजन प्रारंभ कर दिए गए है। पहला सोमवार होने के चलते शहर पूरी तरह से धर्ममय बन चुका है। शहर के विभिन्न शिवालयों में भगवान शंकर का अभिषेक किया गया। लोग इस माह के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करते है। फलों के दामों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सावन मास में शिवभक्त पूरे माह महादेव की भक्ति में लीन रहते है।

  • नर्मदा में लगाई डुबकी :
    श्रावण मास के पहले सावन सोमवार पर भक्त नर्मदा के अलग-अलग घाटो पर पहुंचकर डुबकी लगाए। इसके बाद भगवान शंकर का पूजन, अभिषेक किया। गौरतलब है कि शहर में नर्मदा के लगभग हर तट पर भोलेनाथ विराजे हुए है। जहां पर भक्तों की काफी भीड़ देखी गई।

  • महाआरती में शामिल हुए भक्त :
    प्रथम सावन सोमवार के अवसर पर शाम को रेवातट पर होने वाली महाआरती में शहर तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्घालु शामिल हुए। पहले सावन सोमवार होने से इसका विशेष महत्व माना गया। महाआरती के लिए समिति ने विशेष इंतजाम किये गए थे।

  • घर-घर हुये रूद्री निर्माण:
    बड़ी संख्या में घरों में रूद्रि निर्माण भी सोमवार से प्रारंभ हो गए। प्रतिवर्ष श्रद्घालुओं की अधिक संख्या की संभावना को देखते हुए मंदिरों, शिवालयों में तैयारियां की जाती थी। वहीं भक्त अपने घरों में ही रूद्री निर्माण कर पूजा अर्चन करेंगे। पहला सोमवार होने के चलते शहर पूरी तरह से धर्ममय बन चुका है। शहर के विभिन्न शिवालयों में भगवान शंकर का अभिषेक किया गया। लोग इस माह के दौरान सात्विक भोजन ग्रहण करते है। फलों के दामों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सावन मास में शिवभक्त पूरे माह महादेव की भक्ति में लीन रहते है।

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