जिले के सरकारी स्कूलों की छतों की स्थिति जर्जर और जिले शिक्षा समिति के खुले रहे प्राइवेट स्कूल...

in #mandla2 years ago

IMG_20220701_203929.jpgआदिवासी बाहूल्य जिला मंडला में शिक्षा का स्तर सुधारने अधिकारियों को जिला कलेक्टर के द्वारा लगातार निर्देश दिये जा रहे हैं, साथ ही कलेक्टर द्वारा अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक बच्चों को अभिभावक स्कूल भेजें। जिसका व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कैसे भेंजे? जहां शाला भवन जर्जर अवस्था में हैं छतों से पानी टपक रहा दिवाले जर्जर हो चुकी है मैदान भी भगवान भरोसे बने हुए कोने कोने से पानी स्कूलों में पहुँच रहा है ।

       वही अभिभावकों का कहना है कि सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने शासन पर्याप्त आवंटन उपलब्ध करा रही है, लेकिन सरकारी तंत्र के सामने ये आवंटन बंदरबांट हो रहा है। और जिम्मेदार चैन की नीद सो रहे है यही कारण है वही आज शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों का क्यों सुधारा हुआ आज मोटी फीस होने के बाद भी हर अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों को छोड़ प्राइवेट स्कूलों भेजना चाह रहे है क्योंकि जब जिला शिक्षा समिति का अध्यक्ष स्वयं ही प्राइवेट स्कूलों को महत्व देते हुए प्राइवेट स्कूल खोल रहे है और उनका खुलेआम प्रचार प्रसार का रहे है, तो आप ही सोचे कि सरकारी स्कूलों का स्तर कैसे सुधरेगा और क्यो न सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने से आम आदमी भी अपने कदम पीछे हटा लेता है। जबकि प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा सरकारी स्कूलों में सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास केंद्र व प्रदेश सरकार कर रही है, फिर भी सरकारी स्कूल की हालात बद से बदतर होते जा रही हैं। वर्तमान सरकार तो स्कूलों में खेल सामग्री से लेकर गणवेश, साईकिल एवं खाने के लिए मध्याह्न भोजन जैसी तमाम सुविधाएं दे रही हैं, फिर सरकारी स्कूलों में अभिभावक प्रवेश क्यों नहीं दिला रहे हैं? सरकारी स्कूलों में दर्ज संख्या दिन व दिन घट रही है तो, वहीं प्राईवेट स्कूलों की दर्ज संख्या में वृद्धि हो रही है।![IMG_20220701_204004.jpg](https://images.wortheum.news/DQmX3MLERRen4sn8ubYJRiDUEJZt6KTWS8pKK6waZsJ4ntC/IMG_20220701_204004.jpg)


       वही जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा केंद्र के अंतर्गत संचालित सरकारी स्कूलों की स्थिति कुछ ठीक नहीं है।