नगला सुखी में निकले खूंखार दो सांप भारी भरकम अजगर देखने वालों का उमड़ा हुजूम,

in #mainpuri2 years ago

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भरथना,इटावा। भरथना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नगला सुखी विबौली में शिकार की तलाश में घरों में पहुँचे खतरनाक दो अजगर सांपों को वन विभाग की टीम ने सुरक्षित ढंग से रैस्क्यू कर लिया है। लेकिन एक ही गांव में दो स्थानों पर अलग-अलग खतरनाक दो-दो सांप निकलने से क्षेत्र में दहशत के साथ हड़कम्प मचा हुआ है।
आपको बतादें भरथना क्षेत्र के ग्राम नगला सुखी विबौली में गुरुवार की सुबह 7 बजे उस समय दहशत के साथ ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया,जब गांव निबासी संजीव यादव के घर मे उनकी की बेटी कु०आकांक्षा यादव ने घर के कमरे में झाड़ू लगाते समय उसकी नजर एक भारी भरकम करीब 5 फिट लम्बे एकबअजगर सांप पर पड़ गई,जिसे देख आकांक्षा चीख पड़ी जिसकी खबर फैलते ही खूंखार अजगर सांप को देखने वाले ग्रामीण महिला पुरूष सहित युवा युवतियों और बच्चों का हुजूम संजीव के घर उमड़ पड़ा। अजगर निकलने की सूचना पर मुख्यालय से अभी वन विभाग की टीम मौके पर पहुचती इससे पूर्व गांव के ही एक अन्य दिनेश कुमार के घर में भी एक अलग तरीके का खूंखार सांप निकलने की सूचना वन विभाग टीम को मिल गई। हालांकि वन विभाग की टीम में क्षेत्रीय वन दरोगा लक्ष्मी नारायण ने मौके पर पहुँचकर करीब एक घण्टे की कड़ी मश्क्कत के बाद दोनो स्थानों से दोनो सांपों को सुरक्षित रैस्क्यू कर लिया गया है। टीम अधिकारी वन दरोगा श्री नारायण ने बताया कि बारिश के मौसम में ऐसे सांप
अपने शिकार की तलाश में जंगलों खेत खलिहानों से निकल कर घरों की ओर छिपकर बैठ जाते हैं।
वहीं वन्यजीव विशेषज्ञ,
सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी ने बताया कि विश्व वन्यजीव सप्ताह चल रहा है,जिसके तहत भरथना के ग्राम नगला सुखी में एक साथ दो स्थानों पर निकले सर्प जहरीले नही होते हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ०आशीष त्रिपाठी से सम्पर्क कर उनकी पहचान करने के लिये सम्पर्क किया गया जिसके बाद व्हाटसअप पर फ़ोटो देखकर डॉ०आशीष ने दोनो सर्पों की पहचान की और बताया कि,उनमे से पहले रैस्क्यू किया गया सर्प अजगर है जिसका जन्तु वैज्ञानिक नाम पाइथन मोलूरस होता है व दिनेश के घर से रैस्क्यू किया गया सर्प कॉमन सेंड बोआ है जिसका जन्तु वैज्ञानिक नाम एरिक्स कोनिकस व रसल्स बोआ है। उन्होंने बताया कि दोनों ही सर्प विषहीन प्रजाति के है जिनसे किसी को भी कोई खतरा नही होता है। उन्होंने कहा कि,चूंकि अभी विश्व वन्यजीव सप्ताह भी चल रहा है जिसका उद्देश्य है वन्यजीव संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना। आज ग्रामीणों के वन विभाग की टीम को इन दोनो बेजुबानों को बिना नुकसान पहुंचाये सुरक्षित रूप से पकड़वा कर सुरक्षित सौंपा है इसके लिए वे दिल से
ग्रामीणों के आभारी हैं। विदित हो कि मिशन स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया के सर्प पहचान व सर्पदंश उपचार व सर्पों का महत्व कार्यक्रम की जागरूकता के बाद शहरी व ग्रामीण जनता ने सर्पों को अब नुकसान पहुचाना व मारना छोड़ दिया है। अब सभी लोग सीधे ही सर्पमित्र डॉ० आशीष से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर सर्प पहचान व सर्पदंश उपचार में सहायता लेने लगे है।