आस्था के तालाब में भी लगे गंदगी के ढेर
मैनपुरी/औंछा। महर्षि च्यवन ऋषि की तपोभूमि औंछा स्थित अजोम कुंड बदहाली का शिकार है। तालाब सूखा पड़ा है। चारों ओर गंदगी के ढेर लगे हैं। माफियाओं ने खनन कर गहरे गड्ढे कर दिए हैं। आस्था के चलते सालभर यहां श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं।औंछा में च्यवनऋषि आश्रम के पीछे बने 62 बीघा का अजोम कुंड देखरेख के अभाव में अस्तित्व खोता जा रहा है। तालाब बड़ा होने के कारण उसे दो हिस्सों में बांट दिया है। मंदिर के पीछे वाले हिस्से में पानी की कमी तथा घास हो जाने से गंदगी फैली हुई है। दूसरे हिस्से में माफियाओं द्वारा अवैध खनन करने से जगह-जगह गहरे गढ्ढे हो गए हैं। इनमें बारिश में पानी भर जाने पर कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं।
च्यवनप्राश का हुआ था निर्माण पौराणिक कथाओं के अनुसार अजोम कुंड में महर्षि च्यवनऋषि ने तप करके 88 हजार जड़ी बूटियों से च्यवनप्राश का निर्माण किया था। इससे च्यवन ऋषि 18 वर्ष के युवक बन गए थे। आस्था के प्रतीक कुंड की बदहाली से श्रद्धालुओं में आक्रोश है।
लक्खी मेला वाला अजोम कुंड बदहाली का शिकार है। यहां तालाब की सफाई कराकर उसमें पानी भरवाया जाना चाहिए। रामकुमार, औंछा अजोम कुंड में सालभर श्रद्धालु नहाने आते हैं। च्यवन ऋषि आश्रम पर नेजा चढ़ाते हैं। आस्था का सम्मान होना चाहिए। सुमन यादव, औंछा कुंड के आधे हिस्से में गंदगी के ढेर लगे हैं आधा खनन माफियाओं का शिकार है। शिकायतों पर सुनवाई नहीं की जाती।विवेक गोस्वामी, औंछा अजोम कुंड की मान्यता के बाद भी प्रशासन अनदेखी करता है। पूरे तालाब क्षेत्र का सौंदर्यीकरण कराया जाना चाहिए।कौशलेंद्र, नगला पीपल तालाब की साफ-सफाई कराई जाएगी। अजोम कुंड में पानी भरवाया जाएगा। लोगों की आस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा।यदुवीर सिंह, बीडीओ।
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