स्वदेशी पर्यटकों की पहली पसंद मैहर व चित्रकूट विकास व सुविधाओं से वंचित क्यों? : नारायण त्रिपाठी

in #maihar2 years ago

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मैहर। पर्यटन विभाग व मीडिया रिपोर्ट्स में जारी ऑंकड़ों के अनुसार कोरोना काल के बाद मध्यप्रदेश आने वाले स्वदेशी पर्यटकों की पहली पसंद मॉं शारदा धाम मैहर व चित्रकूट रहे हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश में लगभग ढाई करोड़ स्वदेशी पर्यटक आये जिनमें से सवा करोड़ दर्शनार्थी सिर्फ मैहर व चित्रकूट आये। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने जारी बयान में कहा कि हमारे विन्ध्य के यह दोनों प्रमुख धार्मिक स्थल पर्यटकों की पहली पसंद हैं इस तथ्य को सार्वजनिक करने के लिये उन्होंने मीडिया को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पर्यटक आने के बावजूद भी ये दोनों स्थल सरकारी विकासगाथा से कोसों दूर है, पर्यटक सुविधाओं के अभाव से जूझते विकास की बाट देख रहे हैं। मॉं शारदा का धाम मैहर जहॉं आल्हा को अमरता का वरदान मिला, जिसके प्रमाण आज भी प्रतिदिन मिलते हैं सरकारी अव्यवस्था का शिकार है, यहां आने जाने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधायें मिलें व वे व्यवस्थित दर्शन कर सकें ऐसी व्यवस्था बनाने में सरकारी तंत्र विफल रहा है। कामतानाथ स्वामी का धाम चित्रकूट जहां श्रीराम ने तपस्या की, ऋषि मुनियों व यज्ञ की रक्षा कर धर्म की स्थापना की, राक्षसों का संहार किया, जहां श्रीराम मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम बने, जहां तुलसीदासजी ने महाग्रंथ की रचना की, जहां कण-कण में श्रीराम विद्यमान हैं वह पूरा क्षेत्र भी विकास से दूर अव्यवस्था का शिकार हैं। चित्रकूट में भी यात्री सुविधाओं का भारी अभाव है। व्याप्त असुविधाओं के बावजूद भी बड़ी संख्या में पर्यटकों की आवाजाही हमारे विन्ध्य के लिये गौरव का विषय है, वहीं सरकार को यहां के सुव्यवस्थित विकास व यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी को लेकर योजना बनानी चाहिये। इस मामले में भी विन्ध्य की उपेक्षा यहां की जनता सहन नहीं कर पायेगी। विन्ध्य की उपेक्षा के मामले में यहां के नेताओं का मौन भी चिंताजनक है। जब मैहर को जिला बनाने की बात आई तो हमारी ही सरकार ने प्रस्ताव को निरस्त किया, जब विन्ध्यप्रदेश के पुनर्निर्माण की बात करता हूॅं तो मुझे बागी कहा जाता है। आखिर सरकारें कब तक विन्ध्य की उपेक्षा करती रहेंगी, कब तक देश के लोगों की आस्था के केन्द्र मैहर व चित्रकूट इसी तरह उपेक्षा का दंश झेलेंगे।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या का विकास जरूरी है किंतु राम को मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम बनाने वाली विन्ध्य की धरती के विकास की चिंता भी सरकार को करनी होगी, मैहर व चित्रकूट को भी भव्यतम बनाने पर काम हो, यहां के धार्मिक स्थलों का व्यवस्थित विकास हो ताकि धार्मिक पर्यटक यहां सुविधाजनक यात्रा, भ्रमण व दर्शन कर सकें। जिस चित्रकूट में भगवान श्रीराम ने वनवास काल का सर्वाधिक समय बिताया उस धरती में श्रीराम की वनवासी स्वरूप में देश की सबसे बड़ी व भव्य मूर्ति स्थापित हो ऐसी विन्ध्जनों की आकांक्षा व अपेक्षा है। देश व प्रदेश की सरकार को चाहिये कि अयोध्या व महाकाल मंदिर उज्जैन की भांति अविवादित धार्मिक स्थल चित्रकूट व मैहर को बेहतर, भव्य, व्यवस्थित व सुविधाजनक बनाने की विस्तृत योजना बनाकर शीघ्र अमल हों ताकि देशी पर्यटक- श्रद्धालु व सनातनधर्मी भगवान राम की तपोभूमि व माता सरस्वती के धाम मैहर बार बार आकर अपनी श्रद्धा व आस्था को जीवंत रख सकेंगे। श्री त्रिपाठी ने देश के प्रधानमंत्री मोदी जी व प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विन्ध्य के साथ न्याय करते हुए देश के हिन्दु जनमानस के आस्थाकेन्द्र चित्रकूट, मैहर व अमरकंटक को सुंदर, भव्य स्वरूप देते हुए विश्वपटल पर स्थापित करने की मॉंग की है।