अमरावती हत्याकांड: आरोपी यूसुफ पक्का दोस्त था, बहन की शादी में उमेश ने दिए थे एक लाख रुपये उधार!!

in #maharastra2 years ago

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अमरावती में हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. बीते दिन, 3 जुलाई को नागपुर से गिरफ्तार किए गए मुख्य साजिशकर्ता इरफान खान को जिला कोर्ट ने 7 जुलाई तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है. साथ ही पुलिस ने जिन सात आरोपियों को पकड़ा है उनमें से एक उमेश का ही दोस्त यूसुफ खान भी शामिल है. मृतक के भाई का कहना है कि यूसुफ उमेश का काफी अच्छा दोस्त था, और उसके अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था. वहीं उमेश कोल्हे की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, पुलिस के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि चाकू के हमले की वजह से उमेश के दिमाग, चेहरे और गले पर गहरे घाव हैं.

महेश ने बताया,

"हत्या के आरोपियों में शामिल यूसुफ, मेरे भाई उमेश का बहुत करीबी दोस्त था. उमेश और यूसुफ साथ में काफी समय बिताते थे. दोनों का एक दूसरे के घर पर भी आना-जाना था."
महेश ने बताया कि उमेश वेटरनरी केमिस्ट थे और अपनी दुकान पर जानवरों की दवाइयां बेचते थे. वहीं आरोपी यूसुफ जानवरों के अस्पताल में काम करता था. इसी वजह से दोनों एक-दूसरे को जानते थे और साथ में काफी समय बिताते थे. महेश के मुताबिक यूसुफ की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. कई बार उमेश ने कर्ज देकर यूसुफ की मदद भी की थी. यूसुफ पर कर्ज की रकम एक लाख रुपए से ज्यादा हो गई है. महेश का कहना है कि यूसुफ को अपनी बहन की शादी के लिए पैसों की जरूरत थी. इस संबंध में जब उसने उमेश से बात की तो उन्होंने यूसुफ को रुपए दिए लेकिन यूसुफ ने आज तक पैसे वापस नहीं लौटाए. यही नहीं महेश का ये भी कहना है कि उसके भाई उमेश ने अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर यूसुफ के बच्चों का एक मुस्लिम स्कूल में एडमिशन भी कराया था.
महेश का दावा है कि उनके भाई का किसी से कोई झगड़ा नहीं था, यहां तक कि उसने कभी भी तेज आवाज में किसी से बात भी नहीं की थी. वो पिछले 24 सालों से ये दुकान चला रहे थे इस दौरान उनका कभी भी झगड़ा नहीं हुआ. इसके अलावा महेश कोल्हे का कहना है कि अभी तक NIA और ATS ने उनसे कोई मुलाकात नहीं की है.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या पता चला?

इस बीच उमेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि उमेश के गले पर बहुत गहरा घाव है. ये घाव पांच इंच चौड़ा, सात इंच लंबा और पांच इंच गहरा है. साथ ही चाकू के हमले की वजह से उमेश की दिमाग की एक नस डैमेज हो गई थी. इसके अलावा चाकूओं के वार से उसकी सांस लेने वाली नली, खाना खाने वाली नली और आंख की नसों पर भी चोटें आई थीं.

पुलिस के मुताबिक उमेश कोल्हे ने कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया था. इस ग्रुप का नाम 'ब्लैक फ्रीडम' है. यूसुफ खान और उमेश दोनों इस ग्रुप के एडमिन थे. यूसुफ ने उमेश के इस पोस्ट को एक दूसरे व्हाट्सएप ग्रुप 'रहबरिया' में भेज दिया था जिसमें हत्याकांड का मुख्य आरोपी इरफान खान भी जुड़ा था. पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी इरफान खान ने उमेश की हत्या की साजिश रची और इसके लिए लोगों को शामिल किया था. इरफान खान ने अन्य पांच आरोपियों को 10-10 हजार रुपए देने और भागने के लिए एक कार देने का वादा किया था.

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