Shivsena Vs Shivsena: उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों ने स्पीकर के अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी, 20 जुलाई को सुनवाई

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उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना के 14 विधायकों ने स्पीकर के अयोग्यता नोटिस को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती दी है. याचिका पर अब मुख्य मामले के साथ 20 जुलाई को सुनवाई होगी. वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) से संबंधित मामलों के साथ 20 जुलाई को सुनवाई की मांग की है. CJI ने कहा कि 20 जुलाई को जुड़े मुद्दों के साथ सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करेंगे. याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही एक दागी विधायक द्वारा शुरू की गई है, जो खुद अयोग्यता का सामना कर चुके हैं. अब ये सदस्य 14 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर करने के हकदार नहीं है
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच सुनवाई करेगी जिसमें जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं.

11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पर कब्जे को लेकर टीम ठाकरे और टीम शिंदे के बीच कानूनी लड़ाई पर फिलहाल विराम लगा दिया था. अदालत ने विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता के नोटिस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को सूचित किया जाना चाहिए कि उन्हें अयोग्यता नोटिस पर तब तक फैसला नहीं करना चाहिए जब तक कि अदालत उन पर फैसला न दे.

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में, जिसमें कई याचिकाएं शामिल हैं, एक पीठ के गठन की आवश्यकता होगी और इसे सूचीबद्ध होने में कुछ समय लगेगा. इससे पहले कपिल सिब्बल ने उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से महाराष्ट्र मामले की जल्द सुनवाई की मांग CJI से की थी.

गवर्नर की ओर से तुषार मेहता ने दलील रखी. सीजेआई ने कहा कि स्पीकर को सूचित करें कि विधायकों के खिलाफ कोई एक्शन या सुनवाई अभी न करें. कोर्ट में फैसला आने तक स्थगित रखा जाए. राज्यपाल की तरफ से पेश SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया की वो स्पीकर को इस बाबत जानकारी दे देंगे.

बता दें कि शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते दिनों पार्टी के 37 से अधिक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. इस कारण राज्य में सियासी संकट आ गया था. हफ्ते भर से अधिक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बना ली. पार्टी से बगावत के बाद बनी सरकार में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fanavis) उपमुख्यमंत्री. हालांकि, नई सरकार के गठन को उद्धव खेमे ने चुनौती दी, जिसके बाद विधानसभा में एकनाथ शिंदे को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ा. फ्लोर टेस्ट में उन्होंने सफलता हासिल की.