ख़ुशख़बरी : मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा प्रदेश का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर
झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर शुरू होगा। अब तक उत्तर प्रदेश में किसी भी राजकीय मेडिकल कॉलेज में ये सुविधा नहीं है। ऐसे में आईवीएफ के जरिए गर्भधारण करने पर लोगों को लाखों रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे। यहां निःशुल्क सुविधा मिलेगी। महिला के अगर किसी महिला फेलोपियन ट्यूब पूरी तरह ब्लॉक हैं तो आईवीएफ की जरूरत पड़ती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी पुरुष में शुक्राणुओं की कमी है तो भी आईवीएफ की जरूरत पड़ती है। आजकल महिलाओं में पीसीओडी की समस्या ज्यादा हो रही है। ऐसे में उन्हें ओवुलेशन (अंडाशय से अंडा जारी होने की प्रक्रिया) में समस्या होती है। ऐसे में चिकित्सक आईवीएफ यानी टेस्ट ट्यूब बेबी कराने की सलाह देते हैं। बताया गया कि 60 से 70 फीसदी मामलों में महिलाएं पहली बार में ही आईवीएफ के जरिए गर्भधारण कर लेती हैं। कुछ ऐसे मामले हैं, जिसमें दो-तीन बार आईवीएफ कराने पर गर्भधारण हो पाता है। अब तक झांसी के चुनिंदा निजी केंद्रों पर ही टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की सुविधा उपलब्ध है। अब झांसी मेडिकल कॉलेज में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर शुरू होने जा रहा है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ हेमा जे शोभने ने बताया कि पहली बार प्रदेश के किसी राजकीय मेडिकल कॉलेज में इसकी शुरुआत होगी। टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में आधुनिक मशीनें होंगी। वही, मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में छह महीने में आधुनिक लेबर रूम बनकर तैयार हो जाएगा। यहां दो ऑपरेशन थिएटर होंगे। इस बिल्डिंग में आईवीएफ सेंटर बनेगा।
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Jai shree Ram
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