तो क्या शिव के राज में पुलिसिया कंट्रोल माफियाओं के हांथ में, कलम वीर निशाने में..!

in #madyapradesh2 years ago

माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देष है कि पत्रकारों को खबर लिखने से कोई नहीं रोक सकता, एवं पत्रकारों पर खबर संबंधी दबाव बनाना गलत है लेकिन धरातल में निर्देषों का पालन नाम मात्र का हो रहा है। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न प्रकार से लोकतंत्र का चोथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया जगत की आवाज दबाने के किस्से समय-समय पर सामने आते रहते है ऐसा ही एक मामला शहडोल जिले में है जहां माफिया और कानून व्यवस्था पर सवाल खडा करने वाले पत्रकार पर षड़यत्र के तहत झूठे मामले में फसाने की चर्चा है।
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शहडोल। "सइंया भए कोतवाल तो डर काहे का" कहावत तो लगभग सब ने ही सुन रखी है। खैर अभी के लिए इस कहावत पर चर्चा को विराम देते है और बात करते है शहडोल में चौथे स्तंभ पर बन रहे दबाव की। लगभग अठारह माह से लगातार शहडोल जिले में माफियाओं पर कार्यवाही जारी है कई पर रासुका की कार्यवाही की गई, कई जिला बदर हुए। जिला प्रशासन व जिला पुलिस की इस कार्यवाही की शहडोल की मीडिया जगत व हमारी टीम ने मुक्त कंठ से सराहना की। पूरी कार्यवाही के दौरान मीडिया ने प्रषासन का कन्धे से कंधा मिलाकर साथ दिया। वर्तमान में जब कानून व्यवस्था जिले में डामाडोल हुई तो मीडिया ने इस मुद्दे को भी जनता जनार्दन व अधिकारियों एवं जिले के पालक मंत्री तक पहुंचाया लेकिन समाचार छापने के बाद लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रषासन व माफिया के मिले जुले दबाव की चर्चा आम हुई। और षड़यंत्र के संबंध में भोपाल मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, मा. मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया तक पत्राचार भी हुआ।

माफिया के खिलाफ छापा था समाचार

बिगड़ती कानून व्यवस्था एवं बढ़ती वारदातों के समाचार प्रकाशन के पूर्व पत्रकार द्वारा ‘‘कहा अटकी कबाड माफिया अनीश की जिला बदर की फाइल‘‘ का समाचार प्रकाशित किया गया था जिसमें अपर कलेक्टर द्वारा माफिया मुक्त अभियान के दौरान सबसे पहली कार्यवाही कथित माफिया के खिलाफ कल्याणपुर में होने का वर्जन दिया था। साथ ही जिला बदर संबंधी लंबित अन्य कार्यवाही पर भी वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की बात कही थी। इसके अलावा हाल ही में तत्कालीन एसपी के कार्यकाल में कथित माफिया पर सिंहपुर थाने में अपराध पंजीबद्ध हुआ था। यदि समाचार के संबंध में किसी प्रकार की आपत्ति थी तो कथित माफिया न्यायालय की शरण ले सकता था। किन्तु सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कथित माफिया द्वारा पुलिस के आला अधिकारियों के साथ मिलकर पत्रकार के खिलाफ झूठा मामला कायम कराने का षड़यंत्र किया जा रहा है।

भोपाल से दिल्ली तक हुआ पत्राचार

प्राप्त जानकारी के अनुसार समाचार से नाराज अधिकारी और माफिया के कथित षडयंत्र की जानकारी जब पत्रकार को लगी तो पत्रकार द्वारा भारतीय न्याय व्यवस्था पर कायम विष्वास पर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय को मेल के माध्यम से षड़यंत्र के संबंध में सूचना दी। इसके साथ ही शहडोल पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत कराते हुए लिखे हुए पत्र को चेयरमैन प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया, डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ इण्डिया, एवं प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को प्रेषित कर षडयंत्र के संबंध में शंका जाहिर कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर बनाए जा रहे दबाव पर जानकारी दी।

सुर्खियों में जिले की कानून व्यवस्था

वर्तमान में जिले की कानून व्यवस्था सोशल मीडिया सहित अन्य संचार माध्यमों में जमकर चर्चे में है। हाल ही में सोशल मीडिया में अवैध कारोबार को हरी झण्डी दिखाने का समाचार वायरल हुआ तो वही धनपुरी अनुभाग अंतर्गत अवैध कोयले के कारोबार के समाचार ने सोशल मीडिया में जमकर सुर्खियां बटोर इसके अलावा ड्राइवर से मारपीट मामले में दोषी पर कार्यवाही को लेकर भी कई समाचार प्रकाशित हुए हालांकी मामले में स्वयं तेज तर्रार आईपीएस एसपी कुमार प्रतीक स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही की। तो वही कोतवाली परिसर से हत्या के आरोपी के फरार होने का मामला भी दो दिनों पर मीडिया में छाया रहा। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ द्वारा जहां कल तक पुलिस की कार्यवाहियों की सराहना की जाती रही है वहीं प्रतीत हो रहा है कि स्थानीय पुलिस मीडिया द्वारा दिखाए जा रहे आईने अथवा समाचार को पचा नहीं पा रही है।

इनका कहना है

अगर इस प्रकार की घटना या षड्यंत्र को अंजाम दिया जाता है तो इससे यह स्पष्ट हो जायेगा की माफिया और प्रशासन की मिलीभगत है, प्रशासन को माफियाओं पर कार्यवाही करनी चाहिए और रही बात चौथे स्तंभ पर दबाव या षड्यंत्र की तो इस संबंध में संगठन की ओर से एवं एक जुट होकर भोपाल से दिल्ली तक आवाज उठाई जायेगी एवं इसका पूर्ण विरोध किया जायेगा।

अजय जायसवाल
संभागीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश मीडिया संघ शहडोल

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ किसी भी प्रकार का दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा यदि इस प्रकार की कोई घटना होती है तो इसका पुरजोर विरोध करते हुए मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए आवश्यकता पडने पर मुख्यमंत्री अथवा गृह मंत्री से षिकायत की जायेगी।

संजीव निगम
प्रेस क्लब अध्यक्ष शहडोल

मा.सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि पत्रकार को खबर लिखने से रोका नहीं जा सकता, इस प्रकार की घटना पूर्णतः निंदनीय है। हम अपनी पूरे टीम के साथ मामले का खुला विरोध करेंगे। यदि दबाव व षडयंत्र पर विराम नहीं लगा तो वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन सौपा जायेगा।

अरविन्द द्विवेदी
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, पत्रकार विकास परिषद मध्यप्रदेश

प्रशासन को चाहिए की अवैध गतिविधियों में लिप्त अपराधियों कार्यवाही करे न कि चौथे स्तंभ पर दबाव बनाए। अगर पत्रकार साथी पर किसी प्रकार का दबाव अथवा षडयंत्र किया जाता है तो पत्रकार साथी और न्याय के पक्ष में हम सभी पत्रकार एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।

राहुल सिंह राणा
जिला अध्यक्ष श्रमजीवी पत्रकार संघ