पानी बचाने का दे रहे संदेश मगर खुद का नहीं अमल
लोकतांत्रिक देश में हर कोई किसी न किसी को उपदेश देता नजर आता है मगर क्या वह खुद उसपर अमल करता है ये सोचने वाली बात होगी। ऐसा ही एक करनामा शहडोल वन विभाग के द्वारा दीवार लेखन के माध्यम से आम लोगो को पानी बचाने का संदेश देता है मगर खुद उस पर अमल नही करता है।
शहडोल। वन विभाग के दक्षिण डीएफओ के प्रवेश द्वार पर जहा जंगल बचाने व उसको सुरक्षित रखने की बात कही गई। तो वही दूसरी दीवार पर समाज और आम आदमी को वर्तमान समय पर भविष्य के लिए पानी बचाने की बात से विभाग की बातों से समाज को अच्छा संदेश देने की बात कही है।
मगर आदमी के साथ साथ विभागों के कथनी ओर करनी में फर्क मिलता है ठीक उसी तरह वन विभाग की दीवार पर आम लोगो को दिया जा रहा संदेश यही बता रहा है की वन विभाग खुद वर्तमान समय में पानी बचाने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है मसलन दीवार में लेखन के माध्यम से दिया गया पानी बचाने के संदेश के पास ही विभाग का वाश वेशिंग लगा हुआ है मगर उसका नल टूटा नजर आ रहा है मगर विभाग है की खुद सुधरने की जगह दूसरो को उपदेश देता नजर आ रहा है।
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