गरीब बेटी की शादी करवाने युवा पनिका संघठन आया आगे

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समाज के बेटियो के शादी में 5100 की राशि के साथ करते है हर सहयोग
अनूपपुर। भले ही हमारे देश ने कितनी तरक्की कर ली हो, पर आज भी समाज में बेटियों को बोझ समझा जाता है। गरीब माता-पिता बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाने में संकोच करते हैं और यदि गरीब परिवार की होनहार बिटिया अपने बूते उच्च शिक्षा ग्रहण करने में कामयाब हो भी जाती है तो परिजनों को बिटिया की शादी करने की ¨चता हमेशा सताती रहती है। कुछ बच्चियां गरीबी की वजह से शिक्षा भी नहीं ले पातीं। ऐसे ही गरीब और जरूरतमंद परिवार की बेटियों की शादी करवाने की बीड़ा पनिका समाज ने अपने समाज के लिए संघठन ने उठाई है। पनिका संघठन के माध्यम से अब तक अपने आसपास के दर्जनों गरीब कार्य करवा चुकीं हैं। जिले के पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्राम ष्गोगाष् में समाज की बेटी स्व.जेठू पड़वार सुपुत्री गंगोत्री पड़वार के वैवाहिक कार्यक्रम हेतु समाज संगठन के तरफ से 5,051 (पांच हजार इंक्यावन रूपए) आर्थिक सहयोग एवं कुछ आवश्यक सामग्री प्रदान किया गया समाज की बेटी जो मूक बधिर है माता पिता दोनो नही हैं समाज की बेटी जिसकी शादी तय किए शादी करवाए साथ ही उनके भविष्य हेतु चिंतन करते हुए उनके जिम्मेदारियों को अवगत करते हुए उनके साथ बैठकर समाज प्रेम स्नेह आशीर्वाद प्रदान किया।
समाज में बदलाव जरूरी
युवा पनिका संघठन ने परिवार के सहयोग से समाज सेवा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। गरीब माता-पिता को हमेशा लगता है कि यदि बेटी ने पढ़ाई कर ली तो शादी करना और भी चुनौतीपूर्ण होगा। कोई भी पढ़ा-लिखा लड़का बिना मोटी रकम लिए शादी नहीं करेगा। इसी मिथ्या को तोड़ने के लिए पनिका संघठन ने कमर कसी और उन गरीब बच्चियों की शादी या अन्य कार्यक्रमो का बीड़ा उठाया, जिनकी गरीबी के कारण शादी होने में दिक्कतें हो रही थी। हालांकि, समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। हमारे आसपास हमेशा एक बात कही जाती है कि पुरुष प्रधान समाज है, लेकिन आज समाज में महिलाएं हर वर्ग में आगे बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। शायद ही कोई क्षेत्र बचा हो, जहां तक महिलाओं की पहुंच न हो। आज कई ऐसे संस्थान हैं, जिसको माध्यम वर्ग की महिलाएं भलीभांति तरीके से संचालित कर रही हैं। वक्त बदल रहा है। समाज के लोगों को महिलाओं को अबला, कमजोर और निम्नतर आंकने की भूल नहीं करनी चाहिए।
गरीबी की वजह से न रुके शादी
ऐसा ही हाल में संघठन के मध्यम से जानकारी आई की धोपा टोला में करीबी के कारण शादी में बाधा उत्पन्न हो रही थी तब संघठन के मध्यम से 5100 सौ की रासी जो समाज में हर गरीब बेटी के शादियों में सहयोग दिया है वही सहयोग धोपाटोला में किया गया लेकिन उनकी परिस्थियों को देखते हुआ। 4000 को अतरिक्त रासी के साथ खाने पीने के सामग्री के माध्यम से सहयोग किया गया।
आज भी हमारे समाज में गरीब परिवार अपनी बेटियों की शादी के लिए ठोकर खा रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि लड़के के परिजन उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाली लड़कियों के परिवार से भी मोटी रकम की मांग कर लेते हैं। मजबूरन अपने से कम पढ़े-लिखे लड़कों से समाज में ऐसी कई लड़कियों को शादी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। युवा पनिका संघठन का कहना है कि अब तो उनका एकमात्र लक्ष्य है कि समाज के गरीब बेटियों की शादी करवाना है। उनके भविष्य हेतु चिंतन करते हुए उनके जिम्मेदारियों को अवगत करते हुए उनके साथ बैठकर समाज प्रेम स्नेह आशीर्वाद प्रदान किया कुछ मदद सहयोग प्रदान किए जिसमे सम्माननीय समाजसेवियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा कृष्णा पनिका, राजकुमार मोगरे (इंजीनियर) डॉ.राजीव मोगरे, डॉ. रानू प्रताप सारीवान,वंशपाल टांडिया (एडवोकेट) देवेन्द्र पनाड़िया (शिक्षक) आत्मा बघेल,मोहित पनिका,संजीत सोनवानी पत्रकार धीरज सारीवान (शिक्षक) मुनेश्वर विराट (एन.टी) लक्ष्मीनारायण विराट (पटवारी) एस आर पुरी (ओ.एस) दशरथ लाल सन्त (पुलिस) पुरुषोत्तम महेश्वरी (वन विभाग) मनेश पनाड़िया (शिक्षक) नेम कुमार सोनवानी (सचिव) प्रकाश टांडिया (वन विभाग) छोटेलाल बघेल (नापतौल विभाग) लवकेश बघेल, उदय पनिका, सुखराम पड़वार, हेमंत सोनवानी, सुंदर पड़वार, दुर्गेश तेंदुलकर, कमलेश खुराना, पंकज कुमार संत एवं संगठन पदाधिकारी कृष्णा पनिका, राजकुमार मोगरे (इंजीनियर), देवेन्द्र पनाड़िया (शिक्षक) लवकेश बघेल (एस डी एम ड्राइवर) मनेश पनाड़िया (शिक्षक) रमेश बघेल, पंकज कुमार संत, जितेंद्र बींझी (मलेरिया इंस्पेक्टर) पुरूषोत्तम महेश्वरी (वन विभाग) दशरथ लाल सन्त (पुलिस) धीरज सारीवान (शिक्षक) रूपलाल गोयल (आयशर ट्रेक्टर एजेंसी) रामस्वरूप संत (एस.आई) सुखराम पड़वार (पेंटर) कमलेश संत (सचिव) शंकर अंधवान (एलआईसी एडवाईजर) संदीप कुमार पड़वार (एलआईसी एडवाईजर) प्रकाश टांडिया (वन विभाग) लक्ष्मीनारायण विराट(पटवारी) पूरन सारीवान, सुन्दरलाल पड़वार, छोटेलाल बघेल (नापतौल विभाग) भूषणदास (रेल्वे एम्प्लॉय) अमित पड़वार, संध्या पड़वार (एडवाकेट) भगतराम गोयल (कियोस्क संचालक) अमोल दास संत (शिक्षक) प्रियता दास, मोहित आदि। विशेष निवेदन है सजातीय समाज समाजहित की भावना को लेकर सेवा भाव जगाएं और हर गांव से ऐसे सहयोग मदद हेतु सहभागिता निभाएं।

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सबका साथ जरूरी हैं, एक दूसरे के साथ से सबका विकास

जी पहले से ही कर रहे हैं

very nice work संघटन में ही शक्ति है

सर मैंने आपकी खबरें लाइक कर दी है मेरी भी लाइक कर दीजिए

गुड़

Ok