रेल व्यवस्था पूरी तरह धवस्थ,हजारो की संख्या बिना टिकिट चढ़ जाते है

छतरपुर ही नही बल्कि समूचे मध्यप्रदेश के आस्था का केंद्र बन चुके बागेश्वर धाम में वैसे तो हर दिन हजारो की संख्या में श्रद्धालु आते है लेकिन मंगलवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु धाम पहुँचते है।जब किसी की अर्जी सुन ली जाती है तो उस व्यक्ति को कम से कम 21 मंगलवार धाम की पेसी करनी पड़ती है तब उसकी मनोकामना पूरी होती है ऐसा लोगो द्वारा बताया जा रहा है। जिस कारण मंगलवार और शनिवार को ट्रेन के रास्ते लाखों की संख्या में लोग बिना टिकिट धाम जाते है जिस कारण रिज़र्वेशन करवाकर जाने वाले यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की जगह नही मिलती ओर जो चढ़ जाता उसको नीचे उतरने नही दिया जाता इतना ही नही इन श्रद्धालुओं के द्वारा यात्रियों से अभद्रता भी की जाती है
आखिर यात्रियों के साथ हो रही मानसिक आर्थिक क्षति का जिम्मेदार कौन
कल सैकडो की संख्या में लोग महामना गाड़ी से नही जा पाए यात्रियो ने बताया कि गाड़ी में पैर रखने की जगह नही थी और जो लोग गेट पर खड़े थे वह किसी को अंदर नही जाने देते गालियां भी देते है यात्रियों का कहना है कि हमारा तो टिकिट का पैसा गया साथ ही जो मानसिक आघात पहुँचा ओर आगे के काम यात्रा प्रभावित हुई वह अलग है

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