भ्रष्टाचार का अड्डा बना मुंगावली रेलवे स्टेशन

in #madhyapradesh2 years ago

अलीम डायर अशोकनगर मुंगावली। रेल प्रशासन के आला अधिकारियो की लापरवाही से वर्षो से मुंगावली रेलवे स्टेशन के शौचालयो का रेल यात्रियो को लाभ नही मिल पा रहा है चाहे वह विकलांग यात्री हो चाहे महिला व पुरूष यात्री हो बाहर से दिखाने के लिए सभी वर्ग के शौचालये बने हुये है उक्त शहर के यात्रियो की विशेष शिकायत पर जैड आर यू सी सी मेम्बर सुनील आचार्य का मुंगावली स्टेशन जाना हुआ जहां उन्होने शिकायत के अनुसार सभी रेल यात्रियो की उपयोग में आने बाली व्यवस्था बडी बारीकी से देखी तो पाया कि विकलांग लेट्रिंग तो बनी है परन्तु उसमे ताला डला हुआ है स्टेशन महोदय से निवेदन करने पर विकलांग लेट्रिंग का ताला खुलवाया तो अन्दर केवल गंदी शीट लगी है पर मल निकालने का कनेक्शन नही हाथ धोने के लिए वाशवेशन तो लगा परन्तु पानी के लिए नल नही लगा न ही पानी के लिए कोई कनेक्शन इसी प्रकार आम यात्रियो की महिला पुरूष की लेट्रिंग देखी तो उसमे भी सीट टुटी पडी पानी की कोई व्यवस्था नही हाथ धोने का वाशवेशन बाहर पेड के लोहे के स्टेंड में फंसा जिसमे पानी आने का कोई कनेक्शन नही, पुरूष लेट्रिंग जर्जर न जाने कब दीबाल गिर किस यात्री के साथ घटना घटित हो जाये कोई पता नही जवकि इन सभी कि शिकायत आई डब्लू सुनील देशमुख जब मुंगावली स्टेशन पर मौसम जानने का यंत्र लगाने आये थे तभी उनको यह परेशानी स्वंय डी आर यू सी सी मेम्बर सुनील आचार्य ने बतायी थी परन्तु आज दिनांक तक आई डब्लू महोदय ने कोई कार्य पर ध्यान नही दिया आज जैड आर यू सी सी मेम्बर सुनील आचार्य ने इन्ही परेशानियो को लेकर मुंगावली स्टेशन प्रबन्धक महोदय से बात की तो उन्होने कहा मैने इन परेशानियो को लिखित पत्र लिखे है परन्तु कोई सुनता नही नालिया भी ठीक से नही बनी है पानी के लिए जिससे पानी भरा रहता है ज्यादा दिन भरने से सड जाता है जिसमे जीव और मच्छर उत्पन्न होते इनसे यात्रियो को परेशानी होती है शौचालयो के चेम्बर न बनने से वाश रुम मे यात्री फ्रेश होकर चले जाते जिससे रोज गंदगी बनी रहती है नालियां भी चांक रहती है। सबसे बडा सबाल खडा यह होता है कि देश के यश्सवी प्रधान शौचालयो को लेकर कितने जागरुक है और देश को भी इस गंदगी से मुक्त करने का बीडा उठाया है वही इतनी बडी रेल संस्थान इतनी बडी भूल कैसे कर सकती है जो स्टेशन पर रेल यात्रियो की पहली प्राथमिकता है उसी को नदारद कर दिया सारे विल पास हो गये आला अधिकारियो ने जांच कर लिया क्या ये सभी आला अधिकारियो की भृष्टाचार की पराकाष्ठा का एक पहलू न जाने कहा कहा एसा हुआ होगो कागजो में सब सही बिल पूरे पास और यात्री असुविधाओ से परे और मे तो यह कहता हूं बीना कोटा लाइन रेल कर्मचारियों की कमाई का अड्डा बन गया है पूरी लाइन का अगर सही सर्वे किया जाये तो जो कागजो में रेल यात्रियो को सुविधाये लिखी जा रही है जिन पर लाखो करोडो खर्च करके कागजो में अंकित किया जा रहा वह कुछ हर स्टेशन पर परेशानी आला अधिकारी आते अपने लाओ लश्कर के साथ सारे स्टेशनो की परेशानियो को जानने परन्तु रूकते वहा है जहां कुछ अच्छा है परन्तु वहा भी परेशानी ही होती है यात्रियो को तो यात्रियो से मिलने से परहेज करते हैं।

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