Rajya sabha Election: बीजेपी ने कविता पाटीदार के जरिए ओबीसी वर्ग के साथ आधी आबादी को टॉरगेट किया
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने राज्यसभा की दो में से एक सीट पर कविता पाटीदार को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इनका राज्यसभा में जाना तय है। बीजेपी की आखिर कविता पाटीदार को राज्यसभा भेजने के पीछे की वजह क्या है?
कविता पाटीदार मध्य प्रदेश भाजपा की महामंत्री है। इनके पिता भेरूलाल पाटीदार पटवा सरकर में मंत्री रह चुके है। उनकी 2005 में मृत्यु हो गई। इसके बाद से कविता पाटीदार साधारण कार्यकर्ता से अपने काम और योग्यता से पार्टी में आगे बढ़ रही है। कविता इंदौर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी है। साथ ही इनको बीजेपी संगठन के साथ ही संघ के करीबी होने का फायदा मिला है।
ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश
मध्य प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव बिना आरक्षण कराने को आदेश दिया था। इससे बीजेपी सरकार पर सवाल उठे। हालांकि सरकार ने मोडिफिकेशन ऑर्डर की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरक्षण के साथ चुनाव कराने का फैसला सुनाया। इस बीजेपी ने अपनी जती बताया, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब ओबीसी वर्ग का पहले से मिलता आ रहा आरक्षण भी कम हो गया। प्रदेश में ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा वोटर है। अब बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से आने वाली कविता पाटीदार को टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर गंभीर है।
कांग्रेस पर ओबीसी की अनदेखी का आरोप
कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा जाने के लिए अरुण यादव भी कोशिश कर रहे थे। अब बीजेपी ने कविता पाटीदार को उम्मीदवार बना कर कांग्रेस को ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इसको लेकर बीजेपी नेता डॉक्टर हितेष वाजपेयी ने कहा कि ओबीसी विरोधी कांग्रेस ने ओबीसी नेता अरुण यादव की पठी में फिर छुरा नहीं भोंका? उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से सवाल पूछते हुए कहा कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग के साथ राज्यसभा में अन्याय क्यों किया? वहीं, उन्होंने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को पिछड़ा वर्ग को सम्मान व स्थान देने के लिए बधाई दी।
बीजेपी ने 17 साल में 27% आरक्षण नहीं दिया
कांग्रेस की संगीता शर्मा ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछले 17 सालों से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार में 3 मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से उमा भारती, बाबूलाल गौर और चार के सीएम शिवराज सिंह चौहान है। इसके बावजूद 17 सालों में ओबीसी को 27% आरक्षण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब कमलनाथ द्वारा 27% आरक्षण दिया गया, तब इन्हें ओबीसी वर्ग की याद आई।