मदरसों में शुरू हुआ राष्ट्रगान

in #madarase2 years ago

स्लग - सरकार की सख्ती , गूंजा राष्ट्रगान ।

खबर उन्नाव से है जहां यूपी सरकार की सख्ती के बाद उन्नाव के मदरसों में राष्ट्रगान की गूंज सुनाई देने लगी है । जनपद के कई मदरसों में छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रगान गाकर पढ़ाई की शुरुआत की । हालांकि मदरसे के टीचर ने पूर्व में भी राष्ट्रगान होने की दलील दी है। मदरसों में राष्ट्रगान होने से राजनीति की सियासत का प्रमुख केंद्र बना है । मुस्लिम धर्मगुरु का दावा है कि सरकार जितना राष्ट्रगान पर जोर दे रही है । उतना के बेरोजगारी पर ध्यान दे तो भारत आर्थिक रूप से मजबूत होगा । मुस्लिम धर्मगुरु ने राष्ट्रगान का स्वागत किया है। यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के आदेश के बाद उन्नाव शहर के प्रमुख मदरसा दारुल उलूम फैजे आम में आज सुबह क्लास में जाने के पहले मदरसा टीचर ने छात्र छात्राओं को स्कूल परिसर में राष्ट्रगान के लिए खड़ा किया था टीचर के साथ छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रगान गाकर पढ़ाई की शुरुआत की राष्ट्रगान की गूंज के बीच छात्रों में देश प्रेम की भावना भी दिखी जो आज के दौर में सुखद तस्वीर है । वही मदरसा टीचर ने सरकार के द्वारा राष्ट्रगान को अनिवार्य किए जाने का स्वागत किया है टीचर ने कहा कि हमारे मदरसे में पूर्व में भी राष्ट्रगान गाया जाता रहा है और गाया जाता रहेगा। मुस्लिम धर्मगुरु सैयद फैज हसन सफवी ने कहा कि हमारा अजीज मुल्क भारत है, जब यहां का राष्ट्रीय तराना ही राष्ट्रीय गान है तो इसमें असहमति की कोई बात नहीं होती । कहा की सिर्फ मदरसे ही क्यों ? जहां भी धार्मिक या सामाजिक शिक्षा होती है वह हर जगह राष्ट्रगान होना चाहिए । मदरसों को टारगेट नहीं करना चाहिए और मदरसों में राष्ट्रगान का विरोध कभी नहीं हुआ । मदरसे हिंदुस्तान के कितने वफादार हैं इसको बताने की जरूरत नहीं है । मदरसों में राष्ट्रगान का कहीं भी कोई विरोध नहीं है, सरकार अगर किसी चीज पर जोर देना ही चाहती है तो बहुत सारे मुद्दे हैं उन पर भी जोर देना चाहिए । मदरसे हो या अन्य बोर्ड के स्कूल बच्चे इंटर और ग्रेजुएशन कर कर रहे हैं मगर उसके बाद रोजगार की जिम्मेदारी किसकी है । जो बेरोजगार हैं उन पर भी सरकार ध्यान दें । जितनी राष्ट्रगान पर शिद्दत की जा रही है। उतनी ही तेजी के साथ सरकार मुल्क में रोजगार पर ध्यान दें । आर्थिक व्यवस्था जो गिरी है उस पर भी ध्यान दें ।