हाथरस कांड के प्रभाव में बड़े आयोजनों के लिए भीड़ प्रबंधन और पुलिस तैनाती

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Image credit: amar ujala

हाथरस कांड के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और पुलिस बल की तैनाती के लिए एक नया मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया है। इस नई एसओपी के तहत, किसी भी बड़े आयोजन को मंजूरी देने से पहले, पुलिस को कार्यक्रम में खतरे का गहन आकलन करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी संभावित खतरा या जोखिम मौजूद न हो और कार्यक्रम सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हो सके।

इसके अलावा, नई एसओपी के अनुसार, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को खुद कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। यह कदम उन्हें कार्यक्रम के लिए बेहतर तैयारी करने और किसी भी संभावित खतरे का सामना करने में मदद करेगा।

नई एसओपी में एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि श्रेणीबद्ध सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों और विशिष्ट अतिथियों के आवागमन का मार्ग, आम जनमानस के मार्ग से अलग रखा जाएगा। यह कदम सुरक्षा को बढ़ाने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद करेगा।

इसके अलावा, नई एसओपी के तहत, राजपत्रित अधिकारी और स्थानीय मजिस्ट्रेट को कार्यक्रम के लिए प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं और कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संचालित हो रहा है।

कुल मिलाकर, हाथरस कांड के बाद जारी की गई नई एसओपी, बड़े आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और पुलिस बल की तैनाती को और अधिक प्रभावी और कारगर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों और कार्यक्रम सुरक्षित और शांतिपूर्ण ढंग से संचालित हों।