कुम्हारों के लिए बनीं वरदान, बिजली से चल रही चाक अब मिलेगा कम मेहनत में अधिक मुनाफा
कम मेहनत में अधिक मुनाफा देने वाली यह चाक अब कुम्हारों के लिए वरदान बन गई है। सामान्य चाक से कई गुना अधिक उत्पादन देने वाली इस चाक को बनाने वाले राम नरेश प्रजापति ने लखनऊ के डालीबाग स्थित उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड मुख्यालय परिसर में लगे माटी कला मेले में उन्होंने इसका प्रदर्शन किया। पारंपरिक कुम्हार की चाक में समृद्धि के पंख लग गए हैं। हाथ और डंडी के सहारे चलने वाली चाक अब बिजली से चल रही है।
सामान्य चाक के मुकाबले इस चाक से कई गुना अधिक उत्पादन किया जाता है। राम नरेश प्रजापति ने बताया कि सामान्य चाक में एक दिन में 200 से 300 कुल्हड़ बन सकते हैं और मेहनत भी अधिक लगती है, जबकि इस चाक से कम मेहनत के साथ ही अधिक उत्पादन किया जाता है। बिजली की चाक से एक दिन में दो हजार से तीन हजार कुल्हड़ बनाये जा सकते हैं। इससे कुम्हारों की आमदनी में भी इजाफा होता है।
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