हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा से अमृत वर्षा होती है ऐसी मान्यता है,

in #lucknow2 years ago

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हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा पर्व को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है।
9 अक्टूबर यानी आज से शरद ऋतु का आरंभ हो जाएगा। मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा सभी 16 कलाओं से युक्त होता है और आज इसकी किरणों में अमृत का वास होता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में रखी गई खीर (Sharad Purnima Kheer) को ग्रहण करने से व्यक्ति धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति करता है. किवदंतियों के अनुसार प्रेम और सभी कलाओं के स्वामी भगवान श्री कृष्ण ने आज ही के दिन महारास लीला रचाई थी।
शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। इस दिन लहसुन, प्याज से दूरी बना ले और हो सके तो उपवास रखें।
जब तक शरीर शुद्ध रहता है और किसी भी प्रकार नकारात्मकता से दूर रहता है तो उसे अमृत की प्राप्ति होती है। इसलिए आज व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और झगड़ा या कलह से बचना चाहिए।
शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में खीर जरूर रखें। इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज के दिन चांद से अमृत की वर्षा होती है और उस खीर को ग्रहण करने से व्यक्ति कई प्रकार के लाभ प्राप्त करता है। इस बात का ध्यान रखें कि आप कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही खीर रखें, अन्य धातु का उपयोग वर्जित है।

उत्तम स्वास्थ्य के लिए रात्रि के समय गाय के दूध में बनी खीर को सर्वप्रथम भगवान को अर्पित करें और भगवान श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करें। इसके बाद मध्य रात्रि के समय जब चंद्रमा पूर्ण रूप से उदित हो जाता है तब चंद्र देव की उपासना करें और ‘ॐ सोम सोमाय नमः’ इस मंत्र का जाप करें। फिर प्रातः काल चांद की रोशनी में रखे गए खीर को ग्रहण करें।
धन-धान्य से परिपूर्ण होने के लिए रात के समय माता लक्ष्मी के सामने दीपक जलाएं और उन्हें गुलाब के फूल अर्पित करें। आज के दिन माता लक्ष्मी को सफेद मिठाई और सुगंध अर्पित करने से भी बहुत लाभ होता है। इसके साथ आप 108 बर ‘ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः’ इस मंत्र का जाप करें।