Twin Tower Demolition: ट्विन टावर में नहीं पहुंचा विस्फोटक, बुधवार को आने की उम्मीद. जानिए ध्वस्तीकरण की तैयारी

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नोएडा: उत्तर प्रदेश के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को 21 अगस्त को ध्वस्त करना है। इसके लिए पिलरों में मंगलवार को विस्फोटक रखे जाने थे, लेकिन एनओसी न मिलने का कारण विस्फोटक नोएडा नहीं पहुंच पाया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को सुपरटेक ट्विन टावर में विस्फोटक पहुंचेगा, क्योंकि मंगलवार को आगरा स्थित एक्सप्लोसिव कंट्रोलर के रीजनल ऑफिस से एनओसी नहीं मिल सकी। अब बुधवार सुबह 4 बजे पलवल से पुलिस की निगरानी में विस्फोटक लाया जाएगा। पिलरों में विस्फोटक लगाने के लिए एनओसी मिलने की तैयारी जोरों पर चल रहीं हैं।

एनओसी मिलने के बाद बुधवार सुबह से दो गाड़ियों में पुलिस सुरक्षा के बीच पलवल से विस्फोटक लाया जाएगा। वहीं एक गाड़ी में जिलेटिन की रॉड और दूसरी गाड़ी में डेटोनेटर आयेंगे, हर दिन रोजाना 200 किलो विस्फोटक लगाया जाएगा। कुल 3700 किलो विस्फोटक लाया जाएगा। ऊपर के टावर से विस्फोटक लगाने का काम होगा शुरू। इसके साथ ही सभी संबंधित विभागों को यह भी हिदायत दी गई है कि, सीबीआरआई को 2 दिन के अंदर सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं जिसके बाद सीबीआरआई उन दस्तावेजों का अध्ययन कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की इजाजत दे सके।

हालांकि, यह भी कहा जा रहा कि, इमारतों को ध्वस्त करने की तारीखों में भी बदलाव हो सकता है लेकिन अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। दरअसल सुपरटेक के दोनों टावर (एपेक्स और सियान) को 21 अगस्त को ढहाया जाएगा, इसके लिए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दोनों टावर को गिराने के दिन सुपरटेक और एटीएस सोसायटी पूरी तरह से खाली करायी जाएगी। सोसाइटी के करीब 5000 लोग सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक अपने स्थानीय परिजनों के पास जा सकते हैं।

दोपहर 2:30 बजे ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी और करीब 7 से 8 सेकेंड के अंदर पूरी इमारत जमींदोज हो जाएगी। जिस वक्त यह ब्लास्ट होगा उस दौरान 1 घंटे के लिए बिजली कटौती भी रहेगी और साथ ही एक घंटे के लिए आसमान में कोई जहाज भी नहीं उड़ सकेगा। टावर गिराए जाने के दिन सुबह आठ बजे के बाद सोसायटी में पुलिस और एनडीआरएफ का नियंत्रण होगा।

सीबीआरआई की तरफ से उठाए गए हैं सवाल
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट ने टि्वन टावर ध्वस्तीकरण की तैयारी पर अपने सवाल नोएडा अथॉरिटी को भेजे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआरआई ने सवालों के साथ अपना पत्र मेल से सोमवार दोपहर अथॉरिटी को भेजा। इसमें 5 सवाल हैं, जिनके जवाब सुपरटेक बिल्डर व टावर ढहाने का काम कर रही एजेंसी को देने हैं। नोएडा अथॉरिटी ने सीबीआरआई की तरफ से उठाए गए सवालों को देखकर उनका जवाब देने के लिए बिल्डर व एजेंसी को पत्र भेज दिया है। गौरतलब है कि 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में सीबीआरआई ने कहा था कि बिल्डर और एजेंसी मांगी गई जानकारी नहीं दे रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने अथॉरिटी को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।

इमारतों पर नहीं पड़ेगा शेयर
सीबीआरआई का प्रमुख सवाल एजेंसी की तरफ से तैयार की गई वाइब्रेशन रिपोर्ट पर है। यह रिपोर्ट 10 अप्रैल को हुए टेस्ट ब्लास्ट के आधार पर तैयार की गई है। एजेंसी ने इसे 12 जुलाई को अथॉरिटी और सीबीआरआई को सौंपा था। इसके आधार पर यह दावा किया गया था कि टि्वन टावर के 30 मीटर के दायरे में जो भी इमारतें हैं उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बहुत ज्यादा पड़ेगा तो प्लास्टर दरक सकता है। आसपास की इमारतों में स्ट्रक्चरल ऑडिट की भी जरूरत नहीं है। सीबीआरआई ने इस दावे के आधार समेत अन्य बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

पूर्व में यह जानकारी सीबीआरआई ने बिल्डर व एजेंसी से मांगी थी लेकिन दोनों ने नहीं मिली थी। साथ ही टावर ढहाए जाने के बाद निकलने वाले मलबे का आकलन किस आधार पर एजेंसी ने किया है। मलबा कितना होगा और किधर जाएगा यह भी सीबीआरआई के सवालों में शामिल है। ध्वस्तीकरण से पहले और बाद के स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर भी कुछ स्पष्टीकरण सीबीआरआई की तरफ से मांगे गए हैं। सीबीआरआई ने टि्वन टावर ध्वस्तीकरण में कंसल्टेंसी फीस के रूप में 70 लाख रुपये की डिमांड की है। कोर्ट ने कंसल्टेंसी फीस के भुगतान का आदेश बिल्डर को दिया है।

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